देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर अफसरशाही पर लगाम लगाने में नाकाम साबित होने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है. इन परिस्थितियों में सरकार को बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस दिन से सरकार का गठन हुआ है, उसी दिन से तमाम विधायक विधानसभा के भीतर अपने दर्द बयां कर रहे हैं. पीठ की तरफ से भी कई बार सरकार को निर्देशित किया गया है कि विधायिका का सम्मान होना चाहिए, लेकिन सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया. अंततः चीफ सेक्रेटरी को शासनादेश जारी करना पड़ा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जाए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि विधायिका सर्वोपरि है, लेकिन इसके बावजूद अफसरशाही पर लगाम नहीं लग पाई है.
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उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री समेत कई मंत्री और विधायक अपना दर्द बयां कर चुके हैं. किच्छा विधायक को भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी करना पड़ा है, साथ ही नगर विकास मंत्री मदन कौशिक की बैठक में भी अधिकारियों की गैरमौजूदगी रही है. इससे प्रतीत होता है कि सरकार और शासन के बीच समन्वय नहीं दिखाई दे रहा है.
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प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद अफसरशाही पर लगाम नहीं लग पा रही है, इन परिस्थितियों में सरकार को बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.