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लालकुआं विधानसभा सीट: कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत के लिए राह नहीं आसान, टक्कर दे सकती हैं संध्या डालाकोटी

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Published : Feb 6, 2022, 10:28 AM IST

उत्तराखंड चुनाव के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. कांग्रेस की तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनावी बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथ में हैं. लेकिन लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हरीश रावत की चुनौतियां कम नहीं होने वाली है.

Congress candidate
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. सभी पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. वहीं, अगर हम बात करें कांग्रेस की तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनावी बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथ में हैं. लेकिन लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हरीश रावत की चुनौतियां कम नहीं होने वाली है.

राज्य में कांग्रेस का कहना है कि वह 70 विधानसभा सीट के चेहरे हैं और उन्हें हर विधानसभा में जाना है. वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए लालकुआं सीट जीतना एक बड़ी चुनौती है. बता दें कि, अभी तक कांग्रेस इस सीट पर खाता नहीं खोल पाई है. हालांकि, 2012 में अस्तित्व में आने के बाद हरीश दुर्गापाल यहां से जीते थे. लेकिन वह उस समय निर्दलीय जीते थे. वहीं, लालकुंआ विधानसभा से जीतने के लिए हरीश रावत को निर्दलीय महिला प्रत्याशी का भी सामना करना पड़ेगा.

कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत के लिए राह नहीं आसान.

हरीश रावत के लालकुआं विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद से यह प्रदेश की हॉट सीट में से एक है. जहां पर हरीश रावत के सामने भाजपा के मोहन बिष्ट के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार संध्या डालाकोटी है. वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि हरीश रावत के लिए चुनौती इसलिए बड़ी हो गई है, क्योंकि जहां भाजपा के प्रत्याशी स्थानीय हैं, तो वहीं लालकुआं में हरीश रावत को पैराशूट प्रत्याशी बताया जा रहा है. वहीं, संध्या डालाकोटी लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे के साथ मैदान में डटी हुई हैं. इसलिए यह लड़ाई हरीश रावत के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. दूसरी ओर हरीश रावत की बेटी भी हरिद्वार से चुनाव लड़ रही है. तो माना जा रहा है कि हरीश रावत का ध्यान इस बार उनकी बेटी के प्रचार प्रसार पर भी है.

पढ़ें: आज उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे जेपी नड्डा, कुमाऊं और गढ़वाल में करेंगे जनसभा को संबोधित

कांग्रेस संगठन के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि लड़की हूं लड़ सकती हूं यह नारा उत्तर प्रदेश के संदर्भ में दिया गया था. प्रदेश में 6 महिलाओं को टिकट दिया गया है. साथ ही शीर्ष नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि हरीश रावत लालकुंआ से चुनाव लड़ेंगे. साथ ही वह 70 विधानसभाओं का चेहरा हैं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि कांग्रेस में महिलाओं का सम्मान नहीं है. वह मात्र परिवारवाद तक ही सीमित है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. सभी पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. वहीं, अगर हम बात करें कांग्रेस की तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनावी बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथ में हैं. लेकिन लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हरीश रावत की चुनौतियां कम नहीं होने वाली है.

राज्य में कांग्रेस का कहना है कि वह 70 विधानसभा सीट के चेहरे हैं और उन्हें हर विधानसभा में जाना है. वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए लालकुआं सीट जीतना एक बड़ी चुनौती है. बता दें कि, अभी तक कांग्रेस इस सीट पर खाता नहीं खोल पाई है. हालांकि, 2012 में अस्तित्व में आने के बाद हरीश दुर्गापाल यहां से जीते थे. लेकिन वह उस समय निर्दलीय जीते थे. वहीं, लालकुंआ विधानसभा से जीतने के लिए हरीश रावत को निर्दलीय महिला प्रत्याशी का भी सामना करना पड़ेगा.

कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत के लिए राह नहीं आसान.

हरीश रावत के लालकुआं विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद से यह प्रदेश की हॉट सीट में से एक है. जहां पर हरीश रावत के सामने भाजपा के मोहन बिष्ट के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार संध्या डालाकोटी है. वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि हरीश रावत के लिए चुनौती इसलिए बड़ी हो गई है, क्योंकि जहां भाजपा के प्रत्याशी स्थानीय हैं, तो वहीं लालकुआं में हरीश रावत को पैराशूट प्रत्याशी बताया जा रहा है. वहीं, संध्या डालाकोटी लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे के साथ मैदान में डटी हुई हैं. इसलिए यह लड़ाई हरीश रावत के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. दूसरी ओर हरीश रावत की बेटी भी हरिद्वार से चुनाव लड़ रही है. तो माना जा रहा है कि हरीश रावत का ध्यान इस बार उनकी बेटी के प्रचार प्रसार पर भी है.

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कांग्रेस संगठन के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि लड़की हूं लड़ सकती हूं यह नारा उत्तर प्रदेश के संदर्भ में दिया गया था. प्रदेश में 6 महिलाओं को टिकट दिया गया है. साथ ही शीर्ष नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि हरीश रावत लालकुंआ से चुनाव लड़ेंगे. साथ ही वह 70 विधानसभाओं का चेहरा हैं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि कांग्रेस में महिलाओं का सम्मान नहीं है. वह मात्र परिवारवाद तक ही सीमित है.

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