देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के कैंपेन को धार देने के लिए आज राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी देहरादून पहुंचीं हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कांग्रेस का 'उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र' (मेनिफेस्टो) जारी किया है. वहीं, इस कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के नेताओं से एक बड़ी चूक होने से बाल-बाल बच गई. नहीं तो, कांग्रेस पार्टी को चुनाव आयोग नोटिस थामा सकता था.
दरअसल, कांग्रेस के मेनिफेस्टो लॉन्चिंग कार्यक्रम में बीजेपी सरकार की विफलताओं को दिखाने के लिए एक वीडियो बनाया गया था. देहरादून की रहनी वाली एक सुशिक्षित बुजुर्ग महिला सुनीता गोयल के संघर्ष को दिखाया गया कि कैसे उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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उनके पति को पैरालिसिस है. घर का खर्चा चलाने के लिए इस उम्र में भी सुनीता को सड़क पर चाय बेचनी पड़ रही है. जो उनकी मजबूरी है और उन्हें सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है. ऐसे में कांग्रेसी नेताओं ने मेनिफेस्टो लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान इस बुजुर्ग महिला की मदद के लिए उसे 40,000 रुपये का चेक प्रियंका गांधी के हाथों देने का प्लान रखा था.
हालांकि, इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने चेक देने के कार्यक्रम को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए मंच का संचालन कर रहे कांग्रेस नेता नवप्रभात को चेताया. जिसके बाद नवप्रभात ने इस बात को स्वीकारा और कहा कि यह बात उनके दिमाग से हट गई थी. ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने चेक देने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और आचार संहिता का उल्लंघन करने से कांग्रेसी नेता बाल-बाल बच गए.