देहरादून: गैरसैंण में विधानसभा सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है. जिसके कारण एक बार फिर से कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कहीं गैरसैंण के साथ कोई मिथक तो नहीं जुड़ गया, जो भी मुख्यमंत्री वहां सत्र आहूत कराएगा, उसके पैरों से उसकी जमीन खींच ली जायेगी. शायद यही कारण हैं कि सीएम धामी गैरसैंण का रूख नहीं कर पा रहे हैं.
कांग्रेस ने भाजपा पर गैरसैंण की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि इसे उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि राज्य गठन के 22 साल बीतने के बावजूद हर विधानसभा सत्र से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खींच जाती हैं. सत्र देहरादून में होगा या फिर गैरसैंण में होगा इसको लेकर अनिश्चितता के बादल छाए रहते हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि 2012 से पूर्व गैरसैंण का नाम लेने वाला कोई नहीं था, लेकिन कांग्रेस की बदौलत वहां इन्फ्राट्रक्चरल डेवलपमेंट हुआ, वहां तमाम तरह की सुविधाओं का निर्माण करवाया गया.
पढे़ं- उत्तराखंड उद्यान विभाग के अपर निदेशक सस्पेंड, एक और अधिकारी पर गिर सकती है गाज!
इसके बाद भाजपा के मुख्यमंत्री गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर देते हैं, इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि उस समय के मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र रावत अपने कार्यकाल के साथ गैरसैंण का सत्र भी लेकर चले गए. यह वही सत्र था जिस वक्त त्रिवेंद्र रावत से मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन गई थी. उसके बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ रावत ने वहां कोई सत्र आयोजित नहीं करवाया. उसके बाद उत्तराखंड की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गैरसैंण का रूख नहीं कर पा रहे हैं. गरिमा दसौनी ने कहा कि गैरसैंण के साथ कहीं कोई मिथक तो नहीं जुड़ गया है कि जो भी मुख्यमंत्री वहां सत्र आहूत कराएगा, उसके पैरों से उसकी जमीन खींच ली जायेगी.
पढे़ं- 29 नवंबर से देहरादून विधानसभा में होगा शीतकालीन सत्र, 16 नवंबर को कैबिनेट बैठक
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 29 नवंबर से देहरादून विधानसभा में आयोजित होगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतकालीन सत्र को आहूत करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. वहीं, 16 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी. विधायी विभाग ने 29 नवंबर से 5 दिसंबर तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दे दिया है. ऐसे में विधायी विभाग जल्द इस संबंध में सूचना जारी करेगा, जिसके आधार पर विधानसभा सचिव कार्यक्रम में जारी करेंगे.