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जोशीमठ में आशियाने को बचाने की जंग, सूबे में शुरू हुई राजनीति - पुष्कर धामी जोशीमठ का दौरा कर लौट चुके

भयानक खतरे के मुहाने पर खड़े जोशीमठ को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. जबकि, इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत लोगों की सुरक्षा है. उन्हें हर हाल में सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करना है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते नजर आ रहे हैं.

politics on Joshimath issue
जोशीमठ पर राजनीति
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Published : Jan 8, 2023, 8:36 AM IST

Updated : Jan 8, 2023, 9:18 AM IST

जोशीमठ आपदा पर सियासत तेज

देहरादूनः ऐतिहासिक जोशीमठ दरारों (Joshimath land subsidence) के चलते खतरे की जद में आ गया है. जो अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जंग लड़ रहा है. लिहाजा, प्रशासनिक अमला और धामी सरकार भी जोशीमठ को बचाने और स्थानीय जनता के टूटने सपनों को जोड़ने में जुट गई है. खुद सीएम धामी जोशीमठ का दौरा कर लौट चुके हैं. इतना ही नहीं जोशीमठ को आपदाग्रस्त क्षेत्र भी घोषित कर दिया गया है. साथ ही प्रभावित लोगों की मदद और राहत-बचाव के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति गठित करने की कवायद चल रही है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई है.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते हर साल आपदा जैसे हालत बनते रहे हैं. आपदा जैसे हालत बनने के बाद स्थिति यह हो जाती है कि कई बार प्रभावित लोगों का विस्थापन भी कराना पड़ता है, लेकिन वर्तमान समय में भी प्रदेश के तमाम संवेदनशील हिस्सों में हजारों की संख्या में लोग रह रहे हैं. जिनके विस्थापन की मांग समय-समय पर उठती रही है. वर्तमान समय में उत्तराखंड में एक बार फिर आशियाने को बचाने की जंग छिड़ गई है. यह जंग चमोली जिले के जोशीमठ नगर को लेकर है. जहां भू धंसाव के चलते पूरे जोशीमठ पर अस्तित्व बचाने का खतरा मंडराने लगा है.

दरअसल, जोशीमठ में पिछले कुछ सालों से भू धंसाव की घटना तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसके चलते जोशीमठ में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के 603 आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है. यही वजह है कि जोशीमठ में रहने वाले लोग लगातार राज्य सरकार से अपने आशियाने को बचाए जाने की मांग कर रहे हैं. लिहाजा, राज्य सरकार जोशीमठ शहर में रहने वाले लोगों के आशियाने को बचाए जाने के लिए लगातार सर्वे करा रही है. साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की कवायद में भी जुट गई है.
ये भी पढ़ेंः अंधाधुंध विकास का खामियाजा भुगत रहा जोशीमठ, राज्य में 10 साल में 1500 परिवार हुए विस्थापित

जोशीमठ खतरे की जद में है और इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की है, लेकिन इस मामले पर जमकर राजनीति हो रही है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर राजनीति का आरोप लगा रहे हैं. इस समय विशेषज्ञों की टीम जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव की जांच कर रही है. हालांकि, बीजेपी की 14 सदस्यीय समिति भी जोशीमठ का निरीक्षण कर चुकी है. वहीं, कांग्रेस भी अपनी टीम जोशीमठ भेज रही है. ऐसे में ही दोनों ही पार्टियों के प्रतिनिधि जोशीमठ को लेकर अपने स्तर से रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसे अपने-अपने पार्टी के अध्यक्षों को सौंपेंगे.

देर से जागी धामी सरकार, महेंद्र भट्ट ने नहीं ली सुधः कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Uttarakhand Congress Spokesperson Garima Mehra Dasauni) ने कहा कि धामी सरकार बहुत देर से नींद से जागी है. क्योंकि, बीजेपी सरकार पिछले 6 साल से लगातार सत्ता पर काबिज है. जोशीमठ में जो नुकसान होना था, वो हो गया है. ऐसे में अब बीजेपी सरकार डैमेज कंट्रोल करने का काम कर रही है, लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार को वहां की परिस्थितियों को देखते हुए कार्य करना चाहिए था. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट उस क्षेत्र के विधायक रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी वहां की कोई सुध नहीं ली.

कांग्रेस कर रही नौटंकी, जोशीमठ को लेकर सरकार गंभीरः वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि जोशीमठ मामले को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वहां की स्थितियों की जानकारी और निरीक्षण के लिए उच्च स्तरीय टीम भेजी है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बस नौटंकी करने का काम कर रही है. लिहाजा, कांग्रेस सिर्फ उलझाने का काम करती है. ऐसे में बीजेपी सरकार जोशीमठ की स्थितियों को लेकर बेहद गंभीर है.

जोशीमठ का दौरा कर लौटे सीएम धामीः मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जोशीमठ का दौरा कर लौट चुके हैं. जोशीमठ दौरे से लौटने के बाद सीएम धामी ने सचिवालय में आपदा संचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर गहनता से चर्चा की गई. इस दौरान सीएम धामी ने आपदा मद से जोशीमठ के लिए 11 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी करने की घोषणा की.
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ का दौरा कर दून में सीएम धामी ने की बैठक, चमोली डीएम को आपदा के लिए जारी किए ₹11 करोड़

जोशीमठ आपदा पर सियासत तेज

देहरादूनः ऐतिहासिक जोशीमठ दरारों (Joshimath land subsidence) के चलते खतरे की जद में आ गया है. जो अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जंग लड़ रहा है. लिहाजा, प्रशासनिक अमला और धामी सरकार भी जोशीमठ को बचाने और स्थानीय जनता के टूटने सपनों को जोड़ने में जुट गई है. खुद सीएम धामी जोशीमठ का दौरा कर लौट चुके हैं. इतना ही नहीं जोशीमठ को आपदाग्रस्त क्षेत्र भी घोषित कर दिया गया है. साथ ही प्रभावित लोगों की मदद और राहत-बचाव के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति गठित करने की कवायद चल रही है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई है.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते हर साल आपदा जैसे हालत बनते रहे हैं. आपदा जैसे हालत बनने के बाद स्थिति यह हो जाती है कि कई बार प्रभावित लोगों का विस्थापन भी कराना पड़ता है, लेकिन वर्तमान समय में भी प्रदेश के तमाम संवेदनशील हिस्सों में हजारों की संख्या में लोग रह रहे हैं. जिनके विस्थापन की मांग समय-समय पर उठती रही है. वर्तमान समय में उत्तराखंड में एक बार फिर आशियाने को बचाने की जंग छिड़ गई है. यह जंग चमोली जिले के जोशीमठ नगर को लेकर है. जहां भू धंसाव के चलते पूरे जोशीमठ पर अस्तित्व बचाने का खतरा मंडराने लगा है.

दरअसल, जोशीमठ में पिछले कुछ सालों से भू धंसाव की घटना तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसके चलते जोशीमठ में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के 603 आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है. यही वजह है कि जोशीमठ में रहने वाले लोग लगातार राज्य सरकार से अपने आशियाने को बचाए जाने की मांग कर रहे हैं. लिहाजा, राज्य सरकार जोशीमठ शहर में रहने वाले लोगों के आशियाने को बचाए जाने के लिए लगातार सर्वे करा रही है. साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की कवायद में भी जुट गई है.
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जोशीमठ खतरे की जद में है और इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की है, लेकिन इस मामले पर जमकर राजनीति हो रही है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर राजनीति का आरोप लगा रहे हैं. इस समय विशेषज्ञों की टीम जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव की जांच कर रही है. हालांकि, बीजेपी की 14 सदस्यीय समिति भी जोशीमठ का निरीक्षण कर चुकी है. वहीं, कांग्रेस भी अपनी टीम जोशीमठ भेज रही है. ऐसे में ही दोनों ही पार्टियों के प्रतिनिधि जोशीमठ को लेकर अपने स्तर से रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसे अपने-अपने पार्टी के अध्यक्षों को सौंपेंगे.

देर से जागी धामी सरकार, महेंद्र भट्ट ने नहीं ली सुधः कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Uttarakhand Congress Spokesperson Garima Mehra Dasauni) ने कहा कि धामी सरकार बहुत देर से नींद से जागी है. क्योंकि, बीजेपी सरकार पिछले 6 साल से लगातार सत्ता पर काबिज है. जोशीमठ में जो नुकसान होना था, वो हो गया है. ऐसे में अब बीजेपी सरकार डैमेज कंट्रोल करने का काम कर रही है, लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार को वहां की परिस्थितियों को देखते हुए कार्य करना चाहिए था. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट उस क्षेत्र के विधायक रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी वहां की कोई सुध नहीं ली.

कांग्रेस कर रही नौटंकी, जोशीमठ को लेकर सरकार गंभीरः वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि जोशीमठ मामले को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वहां की स्थितियों की जानकारी और निरीक्षण के लिए उच्च स्तरीय टीम भेजी है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बस नौटंकी करने का काम कर रही है. लिहाजा, कांग्रेस सिर्फ उलझाने का काम करती है. ऐसे में बीजेपी सरकार जोशीमठ की स्थितियों को लेकर बेहद गंभीर है.

जोशीमठ का दौरा कर लौटे सीएम धामीः मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जोशीमठ का दौरा कर लौट चुके हैं. जोशीमठ दौरे से लौटने के बाद सीएम धामी ने सचिवालय में आपदा संचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर गहनता से चर्चा की गई. इस दौरान सीएम धामी ने आपदा मद से जोशीमठ के लिए 11 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी करने की घोषणा की.
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ का दौरा कर दून में सीएम धामी ने की बैठक, चमोली डीएम को आपदा के लिए जारी किए ₹11 करोड़

Last Updated : Jan 8, 2023, 9:18 AM IST
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