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मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के बाद फिर उठा परिसंपत्ति विवाद, कांग्रेस बोली- 'छोटे भाई' को मिलना चाहिए पूरा हक

UP Uttarakhand asset dispute यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद पर कांग्रेस और भाजपा फिर से आमने-सामने आ गई है. कांग्रेस ने फिर तंज कसते हुए डंबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी विवाद ना सुलझा पाने पर निशाना साधा है.

Discussion on assets between CM Dhami and CM Yogi
सीएम धामी और सीएम योगी के बीच परिसंपत्ति पर चर्चा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 2, 2023, 3:27 PM IST

मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के बाद फिर उठा परिसंपत्ति विवाद

देहरादूनः उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच राज्य गठन के बाद से चला आ रहा परिसंपत्ति विवाद जल्द सुलझ सकता है. यह उम्मीद इसलिए बढ़ गई है क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मसले पर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. दूसरी तरफ लगातार परिसंपत्ति विवाद को लेकर सरकार को घेर रही कांग्रेस ने डंबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी विवाद ना सुलझा पाने पर तंज कसा है.

सीएम धामी ने 31 अक्टूबर को लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव के उद्घाटन के दौरान सीएम योगी से मुलाकात की थी. दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई मुलाकात के दौरान हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगनहर से 665 क्यूसेक पानी जल्द देने की पर भी चर्चा की गई. चर्चा के दौरान दोनों मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के लंबित मामलों को हल किए जाने की पहल भी की. उधर विपक्ष ने अब तक डबल इंजन की सरकार में इस मसले के ना सुलझने पर सरकार को घेरा है.

'छोटे भाई' को मिले हक: उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सब चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के साथ चला आ रहा परिसंपत्ति विवाद जल्द सुलझे. क्योंकि 'छोटा भाई' होने के नाते उत्तराखंड को अपनी सारी संपत्तियां मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गंगा के साथ जुड़ी सारी संपत्तियां उत्तराखंड की भूमि में है. इसलिए उन संपत्तियों पर उत्तराखंड का हक है.
ये भी पढ़ेंः क्या है परिसंपत्ति विवाद ? योगी-धामी की बैठक सफल रही तो उत्तराखंड को होगा ये फायदा

उत्तराखंड के हिस्से में आनी चाहिए परिसंपत्तियां: माहरा ने कहा कि प्रदेश पहले से ही बांधों इत्यादि का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश को दे चुका है. जिसका खामियाजा उत्तराखंड वासियों को चुकाना पड़ा है. इससे यहां निवास करने वाले लोगों की जमीनें कट गई है. उनके आवासों में भू-कटाव हो रहा है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियां उत्तराखंड के हिस्से में आनी चाहिए. इसके साथ ही उत्तराखंड के जिस भूभाग में उत्तर प्रदेश अपना हक जताता आया है. वह सभी संपत्तियां उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी चाहिए.

BJP बोली वार्ता के बाद जरूर निकलेगा हल: वार्ता के बाद इस मसले पर राज्य सभा सांसद नरेश बंसल का कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की मुलाकात के बाद संपत्तियों के बंटवारों का मामला आगे बढ़ा है. इस पहल से हर बार की तरह कोई ना कोई समाधान जरूर निकला है. परिसंपत्ति के विषयों में जो समाधान पहले नहीं निकला था. अबकी वार्ता के बाद वह समाधान जरूर निकलेगा.

मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के बाद फिर उठा परिसंपत्ति विवाद

देहरादूनः उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच राज्य गठन के बाद से चला आ रहा परिसंपत्ति विवाद जल्द सुलझ सकता है. यह उम्मीद इसलिए बढ़ गई है क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मसले पर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. दूसरी तरफ लगातार परिसंपत्ति विवाद को लेकर सरकार को घेर रही कांग्रेस ने डंबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी विवाद ना सुलझा पाने पर तंज कसा है.

सीएम धामी ने 31 अक्टूबर को लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव के उद्घाटन के दौरान सीएम योगी से मुलाकात की थी. दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई मुलाकात के दौरान हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगनहर से 665 क्यूसेक पानी जल्द देने की पर भी चर्चा की गई. चर्चा के दौरान दोनों मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के लंबित मामलों को हल किए जाने की पहल भी की. उधर विपक्ष ने अब तक डबल इंजन की सरकार में इस मसले के ना सुलझने पर सरकार को घेरा है.

'छोटे भाई' को मिले हक: उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सब चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के साथ चला आ रहा परिसंपत्ति विवाद जल्द सुलझे. क्योंकि 'छोटा भाई' होने के नाते उत्तराखंड को अपनी सारी संपत्तियां मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गंगा के साथ जुड़ी सारी संपत्तियां उत्तराखंड की भूमि में है. इसलिए उन संपत्तियों पर उत्तराखंड का हक है.
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उत्तराखंड के हिस्से में आनी चाहिए परिसंपत्तियां: माहरा ने कहा कि प्रदेश पहले से ही बांधों इत्यादि का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश को दे चुका है. जिसका खामियाजा उत्तराखंड वासियों को चुकाना पड़ा है. इससे यहां निवास करने वाले लोगों की जमीनें कट गई है. उनके आवासों में भू-कटाव हो रहा है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा परिसंपत्तियां उत्तराखंड के हिस्से में आनी चाहिए. इसके साथ ही उत्तराखंड के जिस भूभाग में उत्तर प्रदेश अपना हक जताता आया है. वह सभी संपत्तियां उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी चाहिए.

BJP बोली वार्ता के बाद जरूर निकलेगा हल: वार्ता के बाद इस मसले पर राज्य सभा सांसद नरेश बंसल का कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की मुलाकात के बाद संपत्तियों के बंटवारों का मामला आगे बढ़ा है. इस पहल से हर बार की तरह कोई ना कोई समाधान जरूर निकला है. परिसंपत्ति के विषयों में जो समाधान पहले नहीं निकला था. अबकी वार्ता के बाद वह समाधान जरूर निकलेगा.

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