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स्वास्थ्य महकमे में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी, दुर्गम में कमी और शहरों में जरूरत

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में आदेशों के बावजूद भी चिकित्सकों का अटैचमेंट किया जाना मजबूरी बन गया है. शासन स्तर पर अटैचमेंट न किए जाने के आदेशों के बावजूद भी 73 चिकित्सक अभी अटैचमेंट पर हैं.

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी.
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Published : Oct 12, 2019, 11:10 AM IST

देहारदून: प्रदेश में स्वास्थय सेंवाएं बदहाल स्थिति में हैं. उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों का अटैचमेंट किया जा रहा है. शासन स्तर पर अटैचमेंट न किए जाने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके थे. इकसे बावजूद 73 चिकित्सक अभी अटैचमेंट पर हैं.

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट खत्म किए जाने के सीधे आदेश हैं. लेकिन, चिकित्सकों के अटैचमेंट अब भी जारी है. प्रदेश में करीब 73 चिकित्सक अटैचमेंट पर हैं. अधिकतर चिकित्सक स्वास्थ्य महानिदेशालय और मैदानी जिलों के बड़े अस्पतालों में अटैचमेंट पर हैं.

पढ़ें: World Mental Health Day: पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा संख्या में डिप्रेशन की शिकार

पहाड़ के दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवा बदहाल स्थिति में है. चिकित्सकों की संख्या कम चलते चिकित्सकों को दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्त किए गए था. लेकिन, शहरी क्षेत्रों में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते चिकित्सकों को बड़े अस्पतालों में अटैच किया गया.

प्रदेश में डॉक्टरों के अटैचमेंट को लेकर लगातार सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने अस्पतालों से चिकित्सकों के अटैचमेंट और जरूरत को लेकर सूची मांगी थी. ऐसे में अस्पतालों की तरफ से चिकित्सकों की जरूरत को लेकर अटैचमेंट जारी रखने का फैसला लिया गया है.

देहारदून: प्रदेश में स्वास्थय सेंवाएं बदहाल स्थिति में हैं. उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों का अटैचमेंट किया जा रहा है. शासन स्तर पर अटैचमेंट न किए जाने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके थे. इकसे बावजूद 73 चिकित्सक अभी अटैचमेंट पर हैं.

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट खत्म किए जाने के सीधे आदेश हैं. लेकिन, चिकित्सकों के अटैचमेंट अब भी जारी है. प्रदेश में करीब 73 चिकित्सक अटैचमेंट पर हैं. अधिकतर चिकित्सक स्वास्थ्य महानिदेशालय और मैदानी जिलों के बड़े अस्पतालों में अटैचमेंट पर हैं.

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पहाड़ के दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवा बदहाल स्थिति में है. चिकित्सकों की संख्या कम चलते चिकित्सकों को दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्त किए गए था. लेकिन, शहरी क्षेत्रों में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते चिकित्सकों को बड़े अस्पतालों में अटैच किया गया.

प्रदेश में डॉक्टरों के अटैचमेंट को लेकर लगातार सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने अस्पतालों से चिकित्सकों के अटैचमेंट और जरूरत को लेकर सूची मांगी थी. ऐसे में अस्पतालों की तरफ से चिकित्सकों की जरूरत को लेकर अटैचमेंट जारी रखने का फैसला लिया गया है.

Intro:Summary- उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में आदेशों के बावजूद भी चिकित्सकों का अटैचमेंट किया जाना मजबूरी है... हालत यह है कि शासन स्तर पर अटैचमेंट ना किए जाने के आदेशों के बावजूद भी 73 चिकित्सक अभी अटैचमेंट पर हैं।।।


Body:यूं तो विभागों में अटैचमेंट खत्म किए जाने के सीधे आदेश है.. और कुछ ऐसे ही आदेश स्वास्थ्य विभाग के लिए भी हैं... लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के अटैचमेंट को अब तक खत्म नहीं किया गया है... स्थिति यह है कि अब भी करीब 73 चिकित्सक प्रदेश भर में अटैचमेंट पर हैं.. इनमें अधिकतर चिकित्सक या तो स्वास्थ्य महानिदेशालय में अटैच है या फिर मैदानी जिलों के बड़े अस्पतालों में.. अटैच हुए चिकित्सक उन दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्त किए गए थे जहां पहले ही चिकित्सकों की संख्या कम चल रही है... बावजूद इसके शहरी क्षेत्रों में ज्यादा डिमांड के चलते चिकित्सकों को बड़े अस्पतालों में अटैच किया गया है ....हालांकि चिकित्सकों के अटैचमेंट को लेकर लगातार सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने अस्पतालों से चिकित्सकों के अटैचमेंट और जरूरत को लेकर सूची मांगी थी... ऐसे में अस्पतालों की तरफ से चिकित्सकों को लेकर जरूरत जाहिर करने के बाद  अटैचमेंट जारी रखने का फैसला लिया गया है ।।। साफ है कि स्वास्थ्य महकमे के लिए अटैचमेंट अब मजबूरी है और जब तक चिकित्सकों की संख्या पूरी नहीं होगी तब तक अटैचमेंट जारी रहेंगे।।।


बाइट अमिता उप्रेती स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग





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