देहरादूनः उत्तराखंड में कूड़ा निस्तारण बड़ी चुनौती बना हुआ है, लेकिन अब कूड़े का निस्तारण कर उसे उपयोगी बना लिया गया है. जी हां, हर्रावाला में कूड़ा निस्तारण के लिए कंपोस्ट मशीन लगाई गई है. जिसके जरिए गीले कूड़े से जैविक खाद बनाई जा रही है. यह खाद 15 दिनों में बनकर तैयार हो रही है, जो खेती के लिए भी उपयोगी साबित होगी और कूड़े की समस्या कुछ हद तक दूर भी होगी.
बता दें कि उत्तराखंड में यह पहली कंपोस्ट मशीन है, जो देहरादून के हर्रावाला में लगाई गई है. इस कंपोस्ट मशीन का शुभारंभ 25 जून को मेयर सुनील उनियाल गामा करेंगे. वेस्ट वॉरियर्स के अध्यक्ष नवीन सडाना ने बताया कि साल 2018 में नगर निगम के सहयोग से हर्रावाला के वार्ड 97 में कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी वेस्ट वॉरियर्स ने ली थी. अपने इस वार्ड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वॉरियर्स लगातार काम कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि इस साल से खाद बनाने के लिए गीला कचरा अलग होकर उनके पास पहुंच रहा है. उससे खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. उसी के लिए एक हजार किलो प्रतिदिन की क्षमता वाली कंपोस्ट मशीन लगाई गई है. इस मशीन के जरिये हर्रावाला के सभी परिवार अपने घर का गीला कचरा गाड़ी को देते हैं. जब गाड़ी गीला कचरा साइट पर लेकर पहुंचती है तो गीले कचरे को बुरादे में मिलाकर मशीन में डाला जाता है. जो मशीन के अंदर अलग-अलग चेंबर होने के बाद करीब 15 दिनों में यह खाद बनकर बाहर आ जाती है.
इस मशीन को लगे करीब एक महीना हुआ है. नवीन सडाना ने बताया कि वर्तमान में करीब 400 किलो गीला कचरा जो खाने से बचा होता है, वो यहां पहुंच रहा है. इस मशीन की क्षमता एक हजार किलो की है. लगातार कोशिश की जा रही है कि यह और लोगों तक भी पहुंचे. पूरे देहरादून में यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जहां यह मशीन लगी है.
वहीं, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि हर्रावाला वार्ड नंबर 97 में कंपोस्ट मशीन लगाई गई है, जो कि मैन्यूअल और ऑटोमेटिक संचालित हो सकती है. जिसकी क्षमता प्रतिदिन एक टन कचरे की है. इस मशीन से 15 दिन के भीतर खाद तैयार की जाएगी. इसके संचालन के बाद हर्रावाला क्षेत्र में काफी कूड़ा प्रोसेस होगा.
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अविनाश खन्ना ने कहा कि देहरादून में यह पहला प्रोजेक्ट है. अगर यह कामयाब रहा तो फिर अन्य वार्डों में भी यह कंपोस्ट मशीन लगाई जाएगी. साथ ही इस कंपोस्ट मशीन के लगने के बाद आसपास किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. हालांकि, यह प्रोजेक्ट वर्तमान में एक ही वार्ड में शुरू किया जा रहा है. अब यह कंपोस्ट मशीन गीले जैविक कूड़े से खाद बनाने में कितनी सफल होती है, वो आने वाले समय में पता चल पाएगा.
उन्होंने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता है और इस तरह के प्रोजेक्ट अन्य वार्डों में लगा दें तो नगर निगम के कूड़े की समस्या कई हद तक कम तो होगी ही, साथ ही इस कूड़े से बनने वाली खाद से रुपए भी कमाए जा सकते हैं.