डोईवाला: देहरादून के डोईवाला स्थित सिपेट में कौशल विकास कार्यक्रम का समापन हो गया है. कौशल विकास के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में 100 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण लिया है. कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के मुख्य प्रबंधक चंदन गर्ग ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए. बता दें, सिपेट में यह ट्रेनिंग 6 महीने तक चली है. यहां ट्रेनिंग के बाद छात्रों की विदेश में नौकरी लग गई है.
मुख्य अतिथि चंदन गर्ग ने छात्रों को बताया कि पेट्रोनेट एलएनजी एक भारतीय तेल और गैस कंपनी है. उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनायें दी एवं छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सिपेट में छह माह की ट्रेनिंग के दौरान जो सीखा, उसे आगे उद्योगों में इस्तेमाल करने के साथ साथ सिपेट एवं पेट्रोनेट का नाम रोशन करें. युवाओं को नौकरी करने के अतिरिक्त स्वरोजगार कर औद्योगिक इकाइयों को लगाकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया.
केंद्र प्रमुख अभिषेक राजवंश ने संस्थान में संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), रसायन और पेट्रोरसायन विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है, जो पूरी तरह से कौशल विकास, तकनीकी सहायता, शैक्षणिक और रिसर्च के लिए समर्पित है.
कौशल विकास अधिकारी पंकज फुलारा ने मुख्य अतिथि को बताया कि प्रशिक्षण लेने वाले सभी युवाओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है. एक विद्यार्थी की साउथ अफ्रीका के नाइजीरिया में भी नौकरी लगी है. साथ ही साथ बताया कि 6 माह के अवधि के कौशल विकास कार्यक्रम में पहली बार विदेश में भी युवाओं ने अपना परचम लहराना शुरू कर दिया है.
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बता दें कि सिपेट देहरादून को ISO/IEC: 17025 के अनुसार विभिन्न प्लास्टिक उत्पादों और मेटेरियल के परीक्षण हेतु एनएबीएल मान्यता प्राप्त हुई है, जिससे वह इस क्षेत्र में उद्योगों साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों को उनके परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहायता प्रदान कर सकता है. सिपेट उत्तराखंड राज्य में प्रथम सरकारी एनएबीएल प्रमाणित लैब है, जो तृतीय पक्ष निरीक्षण भी करता है.