देहरादूनः कोरोना संकट के बीच आगामी 15 अक्टूबर से प्रदेश में स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन स्कूलों को खोलने के निर्णय को लेकर एक ओर अभिभावक विरोध कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन स्कूल खोलने को तैयार हैं. बशर्ते स्कूल में किसी बच्चे के कोरोना संक्रमित होने पर इसकी जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी. वहीं, पूरे कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर स्कूल फीस जमा करने को लेकर अभिभावकों पर दबाव बनाने वाले निजी स्कूलों पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है. देहरादून में 43 निजी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसमें कई नामी स्कूल भी शामिल हैं.
दरअसल, इन निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने अलग-अलग तरह की शिकायतें शिक्षा विभाग में दर्ज कराई है. इसमें कुछ शिकायतें फीस जमा न कर पाने पर स्कूल प्रबंधन की ओर से दबाव बनाने से जुड़ी हैं तो वहीं, कुछ शिकायतें फीस वृद्धि से जुड़ी हैं. सूत्रों की मानें तो जिन निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, उसमें ब्राइटलैंड स्कूल, वेल्हम बॉयज और समर वैली जैसे नामी स्कूल के नाम भी शामिल है. इन स्कूलों के खिलाफ कुछ अभिभावकों ने फीस जमा न कर पाने की स्थिति में छात्र का नाम काटने से जुड़ी शिकायत दर्ज कराई है.
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वहीं, प्रदेश में 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को खोले जाने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और बीजेपी नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर अपनी बात रखी. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए कुंवर जपेंद्र सिंह का साफ शब्दों में कहा कि सरकार को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए फिलहाल स्कूलों को खोलने से परहेज करना चाहिए. वहीं, दूसरी ओर यदि सरकार स्कूलों को खोलती भी है तो सरकार को स्कूल प्रबंधन को यह जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए कि वह बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उचित व्यवस्था रखेंगे. वहीं, वो स्कूल खुलने का विरोध करेंगे और प्रदेशभर में अभिभावक संघ जागरूकता अभियान भी चलाएगा.