देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने आज प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी देहरादून पहुंचे. मुख्यमंत्री आवास पर जनता मिलन कार्यक्रम के लिए पहुंचे लोगों को सीएम से मिलने का इंतजार रहा. लेकिन इस दौरान हुई बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं. लोग बारिश में भीगते सड़क पर लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीएम धामी के इस कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा अब जनता मिलन कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री के इवेंट मैनेजमेंट के तरीके से आयोजित किया जा रहा है
जनता मिलन कार्यक्रम के लिए आज जनता दरबार में भले ही कई तैयारियां की गई हों, लेकिन आम जनता तो आज भी अपनी समस्याओं को प्रदेश के मुखिया तक पहुंचाने के लिए जद्दोजहद करती दिखी. दूर-दूर से आए लोगों को आज बारिश की बूंदों से लड़ते हुए सड़क पर ही लाइन बनाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कई उम्मीदें पाले फरियादी बस अपनी बारी का इंतजार करते रहे. इस दौरान वह इंद्र देवता से कुछ देर ठहरने की गुहार लगाते दिखे.
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दरअसल, आज देहरादून में मुख्यमंत्री का जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके लिए व्यवस्थाएं भी की गईं, मगर यहां लोगों की सुविधाओं को लेकर कुछ खास ख्याल नहीं रखा गया. एक तो अपनी समस्याओं को लेकर लोग अपने जिले को छोड़कर राजधानी देहरादून पहुंचे. उसके बाद सीएम आवास पहुंचकर भी उन्हें बारिश में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा.
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इन व्यवस्थाओं को देखकर लोगों ने भी सरकार पर सवाल खड़े किये. साथ ही उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. हरिद्वार से आने वाले फरियादी कहते हैं कि एक तो वे इतनी दूर से मुख्यमंत्री के आवास तक बड़ी मुश्किल से पहुंचे हैं. ऊपर से इन व्यवस्थाओं ने उन्हें और भी परेशानी में डाल दिया है. दरअसल, यह युवा हीरो मोटर्स से गलत तरीके से निकाले जाने को लेकर अपनी शिकायत मुख्यमंत्री के सामने रखने आया था.
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नाराजगी जाहिर करने वाले ऐसे कई लोग थे, जिन्होंने व्यवस्थाओं पर रोष जाहिर किया. इन्हीं में से एक नर्सिंग भर्ती वरिष्ठता के आधार पर किए जाने की मांग करने के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंची थीं. नर्सिंग कर्मी कहती हैं कि वे लोग बहुत दूर से आए हैं. यहां पर बारिश में भीग कर उन्हें अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाना पड़ा है. ऊपर से मुख्यमंत्री ने उनकी बातें तसल्ली से भी नहीं सुनी. वे इससे संतुष्ट नहीं हैं.
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दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी हैं. उनकी कोशिश है कि सभी की समस्याओं को दूर किया जाये. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं.
हरीश रावत ने इस जनता मिलन कार्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए तंज भी कसा. अब जनता मिलन कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री के इवेंट मैनेजमेंट के तरीके से आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने लिखा पौने 5 साल बाद जनता मिलन की याद आई और लोग सवाल कर रहे हैं कि ये चंद घंटों की चांदनी, फिर अंधेरी रात! एक दिन आप मिलेंगे इवेंट मैनेजमेंट के तरीके के साथ. हरीश रावत ने लिखा इनको जनता से वास्तविक लगाव नहीं है. मैं अपने कार्यकाल में लोगों से निरंतर मिला, जब भी लोग आये 2-3 बजे तक भी उनसे मिलकर के उनकी समस्याओं का निस्तारण किया.
उन्होंने लिखा मुख्यमंत्री का दायित्व है कि वो हफ्ते में दो-तीन दिन जनता दरबार लगाएं, लोगों की समस्याओं का स्पॉट पर ही हल करने का प्रयास करे. ,ऐसा कभी भाजपा के शासनकाल में नहीं हुआ है. ये सब केवल इवेंट मैनेजमेंट के लिए करते हैं.