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देहरादून: पार्षदों पर लगे आरोपों के बाद गठित की गई जांच कमेटी, जानें पूरा मामला

नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में सालावाला वार्ड के पार्षद ने कुछ पार्षदों पर गंभीर आरोप लगाए थे.आरोपों के बाद नगर आयुक्त ने एक जांच कमेटी बनाई है.

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Published : Sep 22, 2020, 4:01 PM IST

municipal Corporation dehradun updates
पार्षदों पर लगे आरोपों की होगी जांच.

देहरादून: बीते रोज नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में सालावाला वार्ड के पार्षद भूपेंद्र कठैत ने कुछ पार्षदों पर गंभीर आरोप लगाए थे. आरोपों के बाद नगर आयुक्त ने मंगलवार को एक जांच कमेटी गठित की है, जो एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेगी.

पार्षदों पर लगे आरोपों के बाद गठित की गई जांच कमेटी.

गौर हो कि भूपेंद्र कठैत ने कुछ पार्षदों पर 45 ट्रैक्टर-ट्रॉली का अनुबंध करने के बाद वार्डों में सिर्फ 30 ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाने का आरोप लगाया था. भूपेंद्र कठैत ने यह भी आरोप लगाया था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के चार फेरों की बजाय दो ही फेरे लागये जा रहे हैं,जबकि भुगतान चार फेरों के हिसाब से हो रहा है. बैठक के दौरान भूपेंद्र कठैत ने रिकॉर्ड पेश करते हुए बताया था कि 16 अगस्त से नए ठेकेदार ने जब कार्य शुरू किया तो 45 ट्रैक्टर ट्रॉली का अनुबंध हुआ था, जबकि पहले दिन केवल 15 और उसके अगले दिन 18 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए. इसके बाद 21 अगस्त को 19 और 26 अगस्त को 27 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए.

यह भी पढ़ें-आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन पर राज्यमंत्री रेखा आर्य ने जताई नाराजगी

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पार्षद के आरोपों को सही बताते हुए कहा कि टेंडर की शर्तों के हिसाब से ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं चल रहे हैं. ट्रॉली भी मानक के अनुरूप नहीं हैं, जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं.

देहरादून: बीते रोज नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में सालावाला वार्ड के पार्षद भूपेंद्र कठैत ने कुछ पार्षदों पर गंभीर आरोप लगाए थे. आरोपों के बाद नगर आयुक्त ने मंगलवार को एक जांच कमेटी गठित की है, जो एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेगी.

पार्षदों पर लगे आरोपों के बाद गठित की गई जांच कमेटी.

गौर हो कि भूपेंद्र कठैत ने कुछ पार्षदों पर 45 ट्रैक्टर-ट्रॉली का अनुबंध करने के बाद वार्डों में सिर्फ 30 ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाने का आरोप लगाया था. भूपेंद्र कठैत ने यह भी आरोप लगाया था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के चार फेरों की बजाय दो ही फेरे लागये जा रहे हैं,जबकि भुगतान चार फेरों के हिसाब से हो रहा है. बैठक के दौरान भूपेंद्र कठैत ने रिकॉर्ड पेश करते हुए बताया था कि 16 अगस्त से नए ठेकेदार ने जब कार्य शुरू किया तो 45 ट्रैक्टर ट्रॉली का अनुबंध हुआ था, जबकि पहले दिन केवल 15 और उसके अगले दिन 18 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए. इसके बाद 21 अगस्त को 19 और 26 अगस्त को 27 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए.

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मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पार्षद के आरोपों को सही बताते हुए कहा कि टेंडर की शर्तों के हिसाब से ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं चल रहे हैं. ट्रॉली भी मानक के अनुरूप नहीं हैं, जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं.

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