देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर प्रदेश की जनता से राय और उनके सुझाव मांगे गए थे. ऐसे उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति ने जनता से सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर रखी थी, जिसे अब बढ़ाकर 22 अक्टूबर कर दी है.
बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर जनता से सुझाव मांगे गए थे. जिसके लिए https://ucc.uk.gov.in/ नाम के इस पोर्टल की शुरूआत की गई थी. उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था. मार्च में राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही इसके लिए समिति गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी. 27 मार्च को इसका गठन किया गया. समिति की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं.
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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित समिति की अध्यक्ष पूर्व जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग पोर्टल पर आकर अपने विचार, सुझाव, आपत्तियां और शिकायतें भी दें. इससे हमें समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार जैसे व्यक्तिगत मुददों पर जनता से राय और सुझाव लेना है, जिससे समिति अपना काम अच्छी तरह से कर सके.समिति बहुत तेजी से काम कर रही है, लेकिन मसौदा तैयार करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करना आसान नहीं है. इसलिए जनता से मांगे गए सुझाव महत्वपूर्ण हैं.