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Uttarakhand OBC Survey: ओबीसी सर्वे पर आयोग ने ली पांच निकायों की बैठक, जल्द मांगी रिपोर्ट

आगामी निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी कड़ी में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष वीके वर्मा और सचिव ओबीसी आयोग एवं पंचायती राज ओंकार सिंह ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ चर्चा की. साथ ही उन्होंने ओबीसी सर्वे पारदर्शिता से करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jan 25, 2023, 10:56 AM IST

ऋषिकेश: आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए ऋषिकेश मुनि की रेती, तपोवन और नरेंद्र नगर क्षेत्र में जल्दी ही ओबीसी कोटे का सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है. यह सर्वेक्षण पारदर्शिता के साथ हो इसके लिए ओबीसी आयोग के अध्यक्ष ने बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है. आयोग के अध्यक्ष का दावा है कि जून 2023 तक सर्वेक्षण का कार्य पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी.

ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष वीके वर्मा और सचिव ओबीसी आयोग एवं पंचायती राज ओंकार सिंह बैठक करने के लिए पहुंचे. बैठक में ऋषिकेश मुनि की रेती तपोवन नरेंद्र नगर निकाय से जुड़े अध्यक्षों पार्षदों और अधिकारियों को बुलाया गया. आयोग के अध्यक्ष वीके वर्मा ने ओबीसी कोटे के सर्वेक्षण को लेकर उपस्थित अधिकारियों और प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे. पूछा कि आखिरकार कम से कम समय में किस प्रकार ओबीसी के सर्वेक्षण को पूरा किया जा सकता है. जिससे कि रिपोर्ट समय से सरकार को उपलब्ध कराई जा सके. बैठक में पार्षद शिव कुमार गौतम ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि अधिकारी दफ्तरों में बैठकर ही ओबीसी की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत कर देते हैं.
पढ़ें-Joshimath Cricis: 'जोशीमठ पर भ्रम न फैलाएं, 4 माह बाद पहले की तरह संचालित होगी चारधाम यात्रा'

ऑफिस से रिपोर्ट बनने के कारण सही आंकड़े सरकार तक नहीं पहुंच पाते. इसका खामियाजा ओबीसी कोटे के लोगों को भुगतना पड़ता है. इसलिए सर्वे पारदर्शिता के साथ हो इसके लिए आयोग को निगरानी करने की जरूरत है. पार्षद विकास तेवतिया ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि कुछ समय पहले ही ऋषिकेश नगर निकाय का शताब्दी समारोह मनाया गया है. मगर हैरत की बात यह है कि इन 100 सालों में आज तक निकाय सीट आरक्षित नहीं हुई है. आयोग को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है.

आयोग के सचिव ओंकार सिंह ने सुझाव सुनने के बाद बताया कि उन्होंने कई सुझावों को अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिया है. जो जो दिक्कतें सर्वेक्षण कराने में आएंगी इसकी रिपोर्ट भी वह जल्द तैयार कर सरकार को देंगे. आंकड़े सही तरीके से आएं इसके लिए अधिकारियों को नियमों के तहत सर्वेक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले दूसरे क्षेत्र के ओबीसी कोटे के लोगों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार है. बशर्ते उनका वोट संबंधित नगर निकाय में होना चाहिए.
पढ़ें-Joshimath Crisis: CBRI प्री-फैब्रिकेटेड घरों का कर रहा निर्माण, दूसरे विकल्पों पर भी विचार

ओंकार सिंह ने बताया कि ओबीसी का अपना एक आरक्षण है. जिसका शिक्षा से संबंधित आरक्षण से कोई संबंध नहीं है. अधिक से अधिक ओबीसी कोटे का लाभ संबंधित को मिले, इसके लिए पॉलिटिकल प्रमाण पत्र बनाने की सलाह भी सरकार को दी जाएगी. यदि सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही अधिकारी करते हैं तो शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने दावा किया कि जून तक ओबीसी के आंकड़े एकत्रित कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर दी जाएगी.

बैठक में नरेंद्र नगर नगर निकाय से प्रतिनिधियों और अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. आयोग के सचिव ओंकार सिंह ने बताया कि नरेंद्र नगर से कोई भी अधिकारी और प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है. इसके लिए शहरी विकास विभाग के सहायक निदेशक को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. आयोग ने भी निकाय अधिकारी से जवाब मांगने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है.

ऋषिकेश: आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए ऋषिकेश मुनि की रेती, तपोवन और नरेंद्र नगर क्षेत्र में जल्दी ही ओबीसी कोटे का सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है. यह सर्वेक्षण पारदर्शिता के साथ हो इसके लिए ओबीसी आयोग के अध्यक्ष ने बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है. आयोग के अध्यक्ष का दावा है कि जून 2023 तक सर्वेक्षण का कार्य पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी.

ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में ओबीसी आयोग के अध्यक्ष वीके वर्मा और सचिव ओबीसी आयोग एवं पंचायती राज ओंकार सिंह बैठक करने के लिए पहुंचे. बैठक में ऋषिकेश मुनि की रेती तपोवन नरेंद्र नगर निकाय से जुड़े अध्यक्षों पार्षदों और अधिकारियों को बुलाया गया. आयोग के अध्यक्ष वीके वर्मा ने ओबीसी कोटे के सर्वेक्षण को लेकर उपस्थित अधिकारियों और प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे. पूछा कि आखिरकार कम से कम समय में किस प्रकार ओबीसी के सर्वेक्षण को पूरा किया जा सकता है. जिससे कि रिपोर्ट समय से सरकार को उपलब्ध कराई जा सके. बैठक में पार्षद शिव कुमार गौतम ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि अधिकारी दफ्तरों में बैठकर ही ओबीसी की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत कर देते हैं.
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ऑफिस से रिपोर्ट बनने के कारण सही आंकड़े सरकार तक नहीं पहुंच पाते. इसका खामियाजा ओबीसी कोटे के लोगों को भुगतना पड़ता है. इसलिए सर्वे पारदर्शिता के साथ हो इसके लिए आयोग को निगरानी करने की जरूरत है. पार्षद विकास तेवतिया ने आयोग के अध्यक्ष को बताया कि कुछ समय पहले ही ऋषिकेश नगर निकाय का शताब्दी समारोह मनाया गया है. मगर हैरत की बात यह है कि इन 100 सालों में आज तक निकाय सीट आरक्षित नहीं हुई है. आयोग को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है.

आयोग के सचिव ओंकार सिंह ने सुझाव सुनने के बाद बताया कि उन्होंने कई सुझावों को अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिया है. जो जो दिक्कतें सर्वेक्षण कराने में आएंगी इसकी रिपोर्ट भी वह जल्द तैयार कर सरकार को देंगे. आंकड़े सही तरीके से आएं इसके लिए अधिकारियों को नियमों के तहत सर्वेक्षण करने के लिए निर्देशित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले दूसरे क्षेत्र के ओबीसी कोटे के लोगों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार है. बशर्ते उनका वोट संबंधित नगर निकाय में होना चाहिए.
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ओंकार सिंह ने बताया कि ओबीसी का अपना एक आरक्षण है. जिसका शिक्षा से संबंधित आरक्षण से कोई संबंध नहीं है. अधिक से अधिक ओबीसी कोटे का लाभ संबंधित को मिले, इसके लिए पॉलिटिकल प्रमाण पत्र बनाने की सलाह भी सरकार को दी जाएगी. यदि सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही अधिकारी करते हैं तो शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने दावा किया कि जून तक ओबीसी के आंकड़े एकत्रित कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर दी जाएगी.

बैठक में नरेंद्र नगर नगर निकाय से प्रतिनिधियों और अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. आयोग के सचिव ओंकार सिंह ने बताया कि नरेंद्र नगर से कोई भी अधिकारी और प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है. इसके लिए शहरी विकास विभाग के सहायक निदेशक को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. आयोग ने भी निकाय अधिकारी से जवाब मांगने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है.

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