ऋषिकेश: नगर निगम के गीता नगर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को पिछले दो सालों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, यहां एक खाली प्लॉट में एकत्रित दूषित पानी की वजह से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं. समस्या से निजात दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन तक किया, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है.
गीता नगर और नंदू फार्म के आस-पास तकरीबन 3 से 4 हजार लोग रहते हैं. ये सभी पिछले 2 सालों से प्लॉट में एकत्रित पानी के सड़ने की दुर्गंध से परेशान हैं. इतना ही नहीं गंदगी की वजह से यहां के स्थानीय निवासी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. दूषित पानी से इलाके को निजात दिलाने के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन दो साल बाद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया.
स्कूली छात्रों का कहना है कि पानी की वजह से उनको स्कूल आने-जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार लोग गड्ढों में भी गिर चुके हैं. स्थानीय निवासी रामशरण का कहना है कि बारिश होते ही प्लॉट में पानी भर जाता और वो सड़कों पर आता रहता है. इससे आाजाही में खासी परेशानी होती है.
गीता देवी का कहना है कि लोग अपनी इस समस्या को लेकर उप जिलाधिकारी सहित कई अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन समस्या सुनकर हर कोई कहता है जल्द समाधान हो जाएगा, लेकिन धरातल पर कोई कुछ नहीं होता.
गीता नगर और नन्दू फार्म के आस-पास फैले दूषित पानी की वजह से हो रही परेशानी को लेकर नगर निगम मेयर अनीता ममगाईं ने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में है. इसलिए निगम की पहली बैठक में उन्होंने लोगों को समस्या से निजात दिलाने का प्रस्ताव पास किया था. इसके बाद उन्होंने कहा कि यह कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग को करना है, लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए अब नगर निगम इस काम को करेगा.
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