देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लिए बिगड़ते ट्रैफिक हालात एक बड़ी समस्या है. ऐसे में ट्रांसपोर्ट विभाग ने यातायात व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी की है. जिसके तहत राजधानी में चलने वाले विक्रमों को पूरी तरह से सड़कों से हटाने के साथ पुरानी बसों को भी तमाम रूट से हटाने का प्लान है. इसके लिए बाकायदा ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से मुख्य सचिव के सामने भी इस पूरे प्रस्ताव को रखा जा चुका है.
देहरादून की यातायात व्यवस्था को बदलने के लिए एक बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. दून में बिगड़ते ट्रैफिक हालात के बीच कुछ ऐसी कार्य योजना पर काम किया जा रहा है. जिसके कारण न केवल देहरादून की आबोहवा को सुधारा जा सकेगा, बल्कि लोगों को सस्ती यातायात सेवा के साथ ही जाम से भी मुक्ति दिलाई जा सकेगी. दरअसल, ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से तीन लक्षण पर काम किया जा रहा है. जिसमें लोगों को सस्ती सेवाएं देना देहरादून में ट्रैफिक के बिगड़ते हालात को सुधारना और खराब होते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करना है.
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इसके लिए देहरादून आरटीओ के स्तर पर बनाए गए प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है, जिसे उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू के सामने भी प्रस्तुत किया जा चुका है. देहरादून में करीब 400 विक्रम अब तक हटाए जा चुके हैं, जबकि इतने ही विक्रम को अब सड़क से हटकर पूरी तरह से विक्रम मुक्त देहरादून बनाने की तैयारी है. इसके पीछे ट्रांसपोर्ट विभाग का तर्क है कि विक्रम के प्रयोग से जहां वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है. वहीं ट्रैफिक के बिगड़ते हालातों के लिए विक्रम भी जिम्मेदार है.
इतना ही नहीं इससे देहरादून की यातायात की खराब व्यवस्था का भी आभास होता है. लिहाजा नए प्रस्ताव में अब सभी विक्रम हटाने के साथ ही पुरानी बसों को भी हटाया जाएगा. फिलहाल देहरादून में 178 सामान्य बेस चल रही है, जबकि ई-बसे भी संचालित हो रहे हैं. इस तरह करीब 208 बसे देहरादून में चल रहे हैं, ऐसे में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की कोशिश है कि देहरादून में कुल 308 बसें चलाई जाए, ऐसे में 100 नई बसों को इस बेड़े में जोड़ा जाएगा.देहरादून में जो बसें चलाई जाएंगी, उसमें बड़े मार्गों पर 28 सीटर बसों को लाया जाएगा. जबकि छोटे मार्गों पर 12 सीटर बसें चलेंगी.
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इस दौरान विभाग की कोशिश यह है कि अधिकतर गाड़ियां सीएनजी या इलेक्ट्रिक व्हीकल के रूप में ही सड़क पर उतरी जाए, ताकि वायु प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सके. फिलहाल इस प्रस्ताव पर चिंतन चल रहा है. हालांकि इसे अंतिम रूप और हरी झंडी मिलना बाकी है. इस प्रस्ताव पर यदि आगे तेजी से काम हुआ तो जल्द ही देहरादून की सड़कों पर यातायात सेवाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. इस दौरान जिन विक्रम संचालकों के विक्रम हटाए जाएंगे, उन्हें नई बसों को लाने के लिए विभाग की तरफ से मदद भी की जाएगी, ताकि उनका रोजगार बना रहे.