देहरादून: प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सरकार और संगठन चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. संगठनात्मक रूप से पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, तो सरकार में मंत्रियों को भी जिलेवार कामों का बंटवारा किया गया है. लेकिन मौजूदा हालातों से लगता है कि मुख्यमंत्री ही अकेले प्रदेश भर की जिम्मेदारियों को संभाले हुए हैं. जबकि मंत्रियों ने फिलहाल जिलों से दूरी बना रखी है.
उत्तराखंड में सरकार अब चुनावी तैयारियों में जुट गई है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने अपने जिलेवार दौरों की शुरुआत भी कर दी है. मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ और बागेश्वर का दौरा करने के बाद आज नैनीताल में भी जिले की विभिन्न व्यवस्थाओं और योजनाओं का हाल जानने का कार्यक्रम तय किया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी जिलेवार समीक्षा की शुरुआत कुमाऊं से की है और इसके बाद वे सभी जिलों में बारी-बारी योजनाओं पर आकलन करने वाले हैं. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश की विभिन्न योजनाओं का हाल तो जान ही रहे हैं साथ ही पदाधिकारियों से मिलकर जिले में लोगों के मूड को भी भांप रहे हैं.
सीएम त्रिवेंद्र को नहीं मिल रहा मंत्रियों का साथ
चुनावी साल होने के चलते संगठन के साथ सरकार के मंत्रियों को भी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं और प्रभारी मंत्रियों के उनके जिलों में प्रवास तक के कार्यक्रम बनाए गए हैं. लेकिन मंत्री फिलहाल कोविड-19 के खतरे में जिलों के दौरे से बच रहे हैं. हालत यह है कि मंत्रिमंडल के मंत्री जिलों में जाकर योजनाओं की समीक्षा करने की शुरुआत भी नहीं कर पा रहे हैं. इससे सरकार में आगामी चुनाव को लेकर अकेले मुख्यमंत्री द्वारा ही कमान संभाले जाने जैसी स्थितियां दिखाई दे रही हैं.