देहरादून: कोरोना संकट के बीच फ्रंटलाइन पर मरीजों को हेल्थ सेवाएं दे रहे डॉक्टर खुद उत्पीड़न से परेशान हैं. राजधानी देहरादून के गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन और मुख्यमंत्री के चिकित्सक डॉ. एनएस बिष्ट उत्पीड़न के चलते स्वस्थ्याग्रह करने पर मजबूर हुए. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के डॉ. एनएस बिष्ट ने देहरादून के सीएमओ डॉ. बीसी रमोला पर गंभीर आरोप लगाए और गांधी अस्पताल में उल्टा एप्रन पहनकर स्वस्थ्याग्रह पर बैठ गए.
जिससे मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय और स्वास्थ्य महानिदेशालय में हलचल मच गई. डॉ. एनएस बिष्ट का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी जानबूझकर उनका और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का शोषण कर रहे हैं. डॉ बिष्ट के मुताबिक सीएमओ ने 16 मार्च की मीटिंग में हुए दुर्व्यवहार के बाद से उन्हें परेशान किया जा रहा है.
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कोविड-19 के दौरान काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों की एसीआर खराब की जा रही है. इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक को सूचना भी दी गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में उनकी संवेदनाएं आहत होने पर ही उन्होंने आंदोलन शुरू किया है.
डॉ. एनएस बिष्ट का आरोप है कि कोविड फिजिशियन के रूप में ड्यूटी करने के बावजूद उनसे भरी मीटिंग में गलत तरीके से व्यवहार किया गया. यहां तक कि उनकी एसीआर भी खराब करने की भी धमकी दी गई, जिसकी वजह से उनका मनोबल टूट रहा है.