देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का 10 सेकंड का बयान अब विवाद की वजह बन गया है. दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक कार्यक्रम में देहरादून को ही प्रदेश की राजधानी समझने की सलाह लोगों को दे डाली. इसके बाद विपक्ष से लेकर राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
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माननीय #मुख्यमंत्री जी, पवित्र धाम-सैन्य धाम को लेकर कुछ अच्छी बातें कहते-कहते #गैरसैंण को लेकर भटक क्यों गये? क्या हक है आपको गैरसैंण को राज्य की राजधानी के रूप में #रूल्ड_आउट करने का? आपने कुछ इस अंदाज में कह दिया जैसे आपके पास गैरसैंण के लिए आगे कोई चान्स नहीं है! pic.twitter.com/1T40mMSens
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जिस गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रदेश में खूब वाहवाही हुई थी, उसी गैरसैंण पर अब उन्हें कोसा जा रहा है. इसकी वजह मुख्यमंत्री का वो 10 सेकंड का बयान है, जिसने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को विपक्षी दलों और राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के निशाने पर ला दिया है.
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दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैन्य धाम के कार्यक्रम में मंच से बोलते हुए लोगों को देहरादून को ही राजधानी समझने की बात कही. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों ने पहाड़ पर सैन्यधाम बनाने की मांग की. मगर लोगों को समझना चाहिए कि देहरादून ही प्रदेश की राजधानी है. देश विदेश से जब भी कोई राजधानी में आएगा तो वह इस जगह को देखकर ही आगे बढ़ेगा. लिहाजा, देहरादून को एक राजधानी ही समझना चाहिए.
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इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा और सीएम को ललकारा है. उन्होंने कहा कि हिम्मत है तो कहिए कि गैरसैंण में अब राजधानी की कोई संभावना नहीं है. गैरसैंण से यदि आप भटक गए तो गलती को सुधारिये. हरीश रावत ने कहा कि आपको क्या हक है जो आप गैरसैंण को इस तरह नकार रहे हैं? गैरसैंण में अभी कई संभावनाएं हैं. इसके लिए काम होना चाहिए.