देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगार युवाओं के हित को लेकर बड़ा फैसला लिया है. शिक्षा विभाग में एलटी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए शासनादेश जारी करते हुए सीएम ने कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए बीएड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है.
बता दें कि इस फैसले से हजारों युवाओं को सीधे तौर से फायदा होने जा रहा है. अब तक शिक्षा विभाग की नियमावली में कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए पहली बार बीएड की बाध्यता को अनिवार्य किया गया था. जिससे कला क्षेत्र के हजारों अभ्यर्थी एलटी भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाते थे.
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शासनादेश जारी होने के बाद कला विषय में स्नातक, अंतिम वर्ष तक ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय के साथ जो भी अभ्यार्थी पास हो, वह शिक्षक बनने का ख्वाब पूरा कर सकते हैं. इन अभ्यर्थियों को एलटी भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल रहा है.
उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग जल्द करेगा विज्ञापन जारी
अब एलटी पदों के लिए स्नातक स्तर पर ड्राइंग और पेंटिंग विषय पास करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. वहीं उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा 1428 ज्यादा पदों पर जो विज्ञप्ति जारी की गई थी, उसे अब आयोग फिर से कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए जारी करेगा.
उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि जैसे ही आयोग को शासन द्वारा नई नियमावली प्राप्त हो जाएगी, उसके 4 से 5 दिनों के भीतर कला विषय के अभ्यर्थियों के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी.
प्रवक्ता पदों के लिए भी बीएड अनिवार्यता खत्म
एलटी पदों पर ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने B.Ed की अनिवार्यता को खत्म नहीं किया है, बल्कि प्रवक्ता पदों पर भी B.Ed की अनिवार्यता को अब खत्म कर दिया गया है. यही नहीं स्नातक स्तर पर ड्राइंग एंड पेंटिंग से पास छात्र जहां एलटी पदों पर आवेदन कर सकते हैं ठीक उसी तरह एमए ड्राइंग विषय से पास करने वाले छात्र प्रवक्ता पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे. मुख्यमंत्री के इस निर्णय को लेकर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों ने इस फैसले को लेकर उनका धन्यवाद भी अदा किया है.