देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरुवार को सचिवालय में 2019 और 2020 में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया. इस पुरस्कार योजना के तहत उत्तराखंड से 2020 में 10 और 2019 में 09 पंचायतें पुरस्कार के लिए चयनित की गई थी. 2019 और 2020 में देशभर से कुल 306 पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्राप्त पंचायतों को सम्मानित करते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि दो सालों में राज्य ने विभिन्न पंचयतों ने कई सराहनीय कार्य किए हैं. केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लाभ समाज की अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंच रहा है. इसमें पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम स्वराज को मजबूती देने का कार्य किया है. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया है. आज विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों के खातों में डिजिटल माध्यम से पैसा पहुंच रहा है. पंचायतों में पारदर्शिता के तहत काम किया जा रहा है. वास्तविक हकदार तक पैसा पहुंचाने के लिए ठोस व्यवस्था की गई है. आज देश में 40 करोड़ से अधिक लोगों के जनधन खाते हैं.
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इस दौरान सीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का कार्य के प्रति विजन स्पष्ट होना चाहिए. पंचायतों को कैसे और मजबूत किया जा सकता है, इसके लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना जरूरी है. सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. कोविड की लड़ाई में जनप्रतिनिधियों ने अहम भूमिका निभाई है. कोरोना का सबसे बड़ा बचाव सतर्कता है. पंचायतों ने लोगों को सजग और सतर्क रखने में पूरा सहयोग किया है.
पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड की पंचायतों ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के तहत विभिन्न मापदंडों के आधार पर दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देशमुख राष्ट्रीय ग्राम सभा पुरस्कार, बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार प्राप्त किये हैं. आज राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पंचायतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. उन्होंने पुरस्कृत होने वाली सभी पंचायतों को बधाई देते हुए कहा कि आगे हम पंचायतों को कैसे और विकसित कर सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान देना होगा.
दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार
- साल 2019 हेतु दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार में जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर को 50 लाख रुपए की धनराशि.
- क्षेत्र पंचायत नरेंद्र नगर और टिहरी को 25 लाख रुपए.
- क्षेत्र पंचायत पोखरी चमोली को 25 लाख रुपए.
- ग्राम पंचायत डाकपत्थर, विकासखण्ड विकासनगर को 12 लाख रुपए.
- ग्राम पंचायत कुसौली, विकासखण्ड विण, पिथौरागढ़ को 08 लाख रुपए.
- ग्राम पंचायत धारीपल्ली, विकासखण्ड नौगांव, उत्तरकाशी एवं ग्राम पंचायत बमराड़ विकासखण्ड कालसी, देहरादून को 05-05 लाख रुपए की धनराशि मिली है.
- दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के तहत देशभर में 2019 में 195 और 2020 में 213 पंचायतों का चयन किया गया. जिसमें एक राज्य में एक जिला पंचायत को 50 लाख, 02 क्षेत्र पंचायतों को 25-25 लाख और 04 ग्राम पंचायतों को 05 से 15 लाख रुपए तक प्रति पंचायत की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है.
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार
- नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 2019 ग्राम पंचायत नेबी, विकासखण्ड कालसी और 2020 का पुरस्कार ग्राम पंचायत खेलड़ी, बहादराबाद को मिला.
- इन ग्राम पंचायतों को पुरस्कार स्वरूप 10-10 लाख रुपए की धनराशि दी गई.
- भारत सरकार द्वार इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य से प्रतिवर्ष एक ऐसी उत्कृष्ट ग्राम सभा का चयन किया जाता है, जिसमें ग्राम सभा/ग्राम पंचायत की नियमित बैठकें, सामाजिक सुधार और अन्य उल्लेखनीय कार्य किये गये हो.
- इस पुरस्कार के लिए देश में वर्ष 2019 में 20 और 2020 में 27 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया.
बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार
- बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार 2019 में ग्राम पंचायत टिहरी डोबनगर, विकासखण्ड बहादराबाद और 2020 में ग्राम पंचायत बेलपड़ाव, विकासखण्ड कोटाबाग को मिला.
- यह पुरस्कार देशभर में 2019 में 22 ग्राम पंचायतों और 2020 में 30 ग्राम पंचायतों को दिया गया.
- इसके तहत पुरस्कार स्वरूप 05 लाख रुपए की धनराशि दी जाती है.
ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार
- 2020 का ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार ग्राम पंचायत केदारवाला, विकासखण्ड विकासनगर को मिला. 2020 में इसके तहत देश में 28 ग्राम पंचायतों को चुनाव किया गया.
- इसमें पुरस्कार स्वरूप 05 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाती है.