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कुंभ को लेकर CM और अखाड़ा परिषद की बैठक, फरवरी में तय होगा मेले का 'भविष्य'

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि परंपराओं का ध्यान रखते हुए अगले साल कुंभ मेले का आयोजन समय पर होगा. अगले साल फरवरी महीने में तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार इसके स्वरूप पर निर्णय लिया जाएगा.

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Published : Jun 21, 2020, 8:33 PM IST

देहरादूनः महाकुंभ 2021 को लेकर मुख्यमंत्री आवास में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद के साधु-संतों से बातचीत की है. इस दौरान महाकुंभ को निश्चित समय पर ही कराए जाने पर चर्चा की गई. इस दौरान साधु-संतों ने कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री को अपने जरूरी सुझाव भी दिए.

अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरी जी महाराज ने बताया कि उनकी सभी अखाड़ों के संतों के साथ चर्चा हुई है. सभी ने इस बात पर सहमति दी है कि ज्योतिष गणना के अनुसार महाकुंभ मेले का आयोजन निर्धारित समय पर ही हो. इसका स्वरूप क्या होगा, किस स्तर तक होगा. इस पर सरकार की ओर से अगले साल फरवरी महीने में तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः 1962 में भारतीय सेना के गाइड बने थे स्वामी सुंदरानंद, आर्मी के लिए की थी रेकी

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सहयोग के लिए अखाड़ा परिषद का आभार जताया और कहा कि परंपराओं का ध्यान रखते हुए अगले साल कुंभ मेले का आयोजन समय पर होगा. आगामी फरवरी महीने में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप साधु-संतों के मार्ग दर्शन से मेले के स्वरूप को निर्धारित किया जाएगा.

देहरादूनः महाकुंभ 2021 को लेकर मुख्यमंत्री आवास में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद के साधु-संतों से बातचीत की है. इस दौरान महाकुंभ को निश्चित समय पर ही कराए जाने पर चर्चा की गई. इस दौरान साधु-संतों ने कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री को अपने जरूरी सुझाव भी दिए.

अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरी जी महाराज ने बताया कि उनकी सभी अखाड़ों के संतों के साथ चर्चा हुई है. सभी ने इस बात पर सहमति दी है कि ज्योतिष गणना के अनुसार महाकुंभ मेले का आयोजन निर्धारित समय पर ही हो. इसका स्वरूप क्या होगा, किस स्तर तक होगा. इस पर सरकार की ओर से अगले साल फरवरी महीने में तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

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वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सहयोग के लिए अखाड़ा परिषद का आभार जताया और कहा कि परंपराओं का ध्यान रखते हुए अगले साल कुंभ मेले का आयोजन समय पर होगा. आगामी फरवरी महीने में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप साधु-संतों के मार्ग दर्शन से मेले के स्वरूप को निर्धारित किया जाएगा.

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