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कृषि विभाग के बैठक में सीएम रावत ने किसानों की आय दोगुनी और स्वरोजगार पर किया किया मंथन

मुख्यमंत्री आवास में सीएम रावत ने अधिकारियों के साथ किसानों की आय दोगुनी करने और प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर चर्चा की.

CM Rawat holds meeting with officials
कृषि विभाग के बैठक में बोले सीएम रावत
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Published : May 30, 2020, 10:50 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री आवास में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम रावत ने अधिकारियों के साथ किसानों की आय दोगुनी करने और प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर चर्चा की.

सीएम रावत ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण बड़ी संख्या में लोग वापस प्रदेश लौटे हैं. इन्हें स्वरोजगार से जोड़ने और शॉर्ट टर्म में आजीविका उपलब्ध कराने में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. जैव विविधता उत्तराखंड की विशेषता है और कृषि क्षेत्र में इसका लाभ लिया जा सकता है. परंपरागत खेती हमारे पूर्वजों की देन है. उन्होंने अनुभवों से इसका ज्ञान हासिल किया था. कृषि क्षेत्र में विकास के लिए परंपरागत खेती और आधुनिक तकनीकी की मदद लिए जाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: कोरोना को लेकर उत्तराखंड के ज्योतिषचार्य की भविष्यवाणी, बताया इस दिन होगा खत्म

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती को व्यावसायिक सोच के साथ करने की आवश्यकता है. किसानों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार फसलों का चयन करना होगा. प्रदेश में गिलोय, मुलेठी, हींग, अदरक, हल्दी और नींबू जैसे उत्पादों को प्रोसेस कर क्लस्टर खेती को बढ़ावा देते हुए उत्पाद की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि इसका अच्छा मूल्य मिल सके.

वहीं आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए पतंजलि हर संभव सहायता करेगा.

देहरादून: मुख्यमंत्री आवास में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम रावत ने अधिकारियों के साथ किसानों की आय दोगुनी करने और प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर चर्चा की.

सीएम रावत ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण बड़ी संख्या में लोग वापस प्रदेश लौटे हैं. इन्हें स्वरोजगार से जोड़ने और शॉर्ट टर्म में आजीविका उपलब्ध कराने में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. जैव विविधता उत्तराखंड की विशेषता है और कृषि क्षेत्र में इसका लाभ लिया जा सकता है. परंपरागत खेती हमारे पूर्वजों की देन है. उन्होंने अनुभवों से इसका ज्ञान हासिल किया था. कृषि क्षेत्र में विकास के लिए परंपरागत खेती और आधुनिक तकनीकी की मदद लिए जाने की जरूरत है.

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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती को व्यावसायिक सोच के साथ करने की आवश्यकता है. किसानों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार फसलों का चयन करना होगा. प्रदेश में गिलोय, मुलेठी, हींग, अदरक, हल्दी और नींबू जैसे उत्पादों को प्रोसेस कर क्लस्टर खेती को बढ़ावा देते हुए उत्पाद की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि इसका अच्छा मूल्य मिल सके.

वहीं आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए पतंजलि हर संभव सहायता करेगा.

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