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पेगासस विवाद: 'कांग्रेस विदेश शक्तियों के साथ मिलकर देश का विकास रोकना चाहती है'

संसद के मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) में दोनों दिन पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले (pegasus spying case) को लेकर कांग्रेस (congress) को लेकर जबदस्त हंगामा किया. कांग्रेस के इस हंगामे और पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) का भी बयान आया है.

CM pushkar singh dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
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Published : Jul 20, 2021, 9:05 PM IST

देहरादून: देश की राजनीति में इन दिनों इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर (pegasus spying case) के जरिए फोन टैपिंग (phone tapping) की रिपोर्ट से बवाल मचा हुआ है. विपक्ष ने पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले (pegasus spyware scandal) को लेकर सड़क के लेकर सदन तक हंगामा मचा रखा है. वहीं मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) का भी पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि जब भी संसद में देश की तरक्की की बात होती तो कांग्रेस ऐसी चीजें लाती है. ताकी मामला उलझ जाए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM dhami on pegasus spying case) ने कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए कहा है कि सदन में जब 130 करोड़ देशवासियों से लिए विकाय योजनाएं बननी थी, उससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस (congress) इस तरह की चीजें लाती है, जिससे मामला उलझ जाए. कांग्रेस का उद्देश्य यही है कि सदन में विकास की योजनाओं पर चर्चा न हो पाए. कांग्रेस विदेश शक्तियों के साथ मिलकर देश का विकास रोकने का प्रयास कर रही है.

पेगासस विवाद पर बोले सीएम धामी.

पढ़ें- राहुल गांधी जासूसी मामले में कांग्रेस का हल्लाबोल, 22 जुलाई को करेगी राजभवन कूच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM dhami) ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वो सिर्फ विरोध के लिए विरोध करती है. पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले में कांग्रेस के पास कोई ठोस तथ्य नहीं है, प्रमाण नहीं. फिर भी कांग्रेस विरोध के लिए विरोध कर रही है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में चाहे वो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के दौर में चंद्रशेखर की सरकार गिरने का बात हो या फिर राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के अंदर हाल में देखने को मिला है. आशोक गहलोत की सरकार पर उन्हीं के विधायकों ने आरोप लगाए हैं. सभी मामलों में देखा गया है कि कांग्रेस ही इस तरह के काम करती है. कांग्रेस के पास कोई तथ्य नहीं है. केवल और केवल बदनाम करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है.

क्या है मामला: दरअसल, हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है. रिपोर्ट ने आरोप है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए हैं. संसद के मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) की शुरु होने से एक दिन पहले ही इस जासूसी कांड का खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए, उसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा केंद्र सरकार के कुछ मंत्री, विपक्ष के कई बड़े नेता और पत्रकार के नाम शामिल हैं.

पढ़ें- बारिश से रुका दौरा तो CM ने देहरादून से लिया अपडेट, अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश

इस मामले में कांग्रेस ने संसद के मॉनसून सत्र जमकर हंगामा किया. कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे के साथ इस मामले में पीएम मोदी की भूमिका की जांच करने की मांग की है. हालांकि सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही सरकार के रिपोर्ट जारी होने की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए है.

जिलाधिकारियों की जवाबदेही तय: मंगलावर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिला स्तर पर ही आम लोगों की समस्याओं को निस्तारण किया जाए. जिलों की समस्याओं को जिला स्तर पर ही निपटाए जाएं. क्योंकि इससे शासन स्तर पर काम का बोझ बढ़ जाता है. यही नहीं मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इसकी जवाबदेही जिलों के अधिकारियों की होगी.

देहरादून: देश की राजनीति में इन दिनों इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर (pegasus spying case) के जरिए फोन टैपिंग (phone tapping) की रिपोर्ट से बवाल मचा हुआ है. विपक्ष ने पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले (pegasus spyware scandal) को लेकर सड़क के लेकर सदन तक हंगामा मचा रखा है. वहीं मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM pushkar singh dhami) का भी पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि जब भी संसद में देश की तरक्की की बात होती तो कांग्रेस ऐसी चीजें लाती है. ताकी मामला उलझ जाए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM dhami on pegasus spying case) ने कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए कहा है कि सदन में जब 130 करोड़ देशवासियों से लिए विकाय योजनाएं बननी थी, उससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस (congress) इस तरह की चीजें लाती है, जिससे मामला उलझ जाए. कांग्रेस का उद्देश्य यही है कि सदन में विकास की योजनाओं पर चर्चा न हो पाए. कांग्रेस विदेश शक्तियों के साथ मिलकर देश का विकास रोकने का प्रयास कर रही है.

पेगासस विवाद पर बोले सीएम धामी.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM dhami) ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वो सिर्फ विरोध के लिए विरोध करती है. पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले में कांग्रेस के पास कोई ठोस तथ्य नहीं है, प्रमाण नहीं. फिर भी कांग्रेस विरोध के लिए विरोध कर रही है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में चाहे वो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के दौर में चंद्रशेखर की सरकार गिरने का बात हो या फिर राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के अंदर हाल में देखने को मिला है. आशोक गहलोत की सरकार पर उन्हीं के विधायकों ने आरोप लगाए हैं. सभी मामलों में देखा गया है कि कांग्रेस ही इस तरह के काम करती है. कांग्रेस के पास कोई तथ्य नहीं है. केवल और केवल बदनाम करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है.

क्या है मामला: दरअसल, हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है. रिपोर्ट ने आरोप है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए हैं. संसद के मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) की शुरु होने से एक दिन पहले ही इस जासूसी कांड का खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए, उसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा केंद्र सरकार के कुछ मंत्री, विपक्ष के कई बड़े नेता और पत्रकार के नाम शामिल हैं.

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इस मामले में कांग्रेस ने संसद के मॉनसून सत्र जमकर हंगामा किया. कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे के साथ इस मामले में पीएम मोदी की भूमिका की जांच करने की मांग की है. हालांकि सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही सरकार के रिपोर्ट जारी होने की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए है.

जिलाधिकारियों की जवाबदेही तय: मंगलावर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिला स्तर पर ही आम लोगों की समस्याओं को निस्तारण किया जाए. जिलों की समस्याओं को जिला स्तर पर ही निपटाए जाएं. क्योंकि इससे शासन स्तर पर काम का बोझ बढ़ जाता है. यही नहीं मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इसकी जवाबदेही जिलों के अधिकारियों की होगी.

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