देहरादून/लक्सर: उत्तराखंड में अंकिता भंडारी को इंसाफ (Justice for Ankita Bhandari) दिलाने के लिए लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रही है. सरकार और विपक्ष दल कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) के घर पहुंच रहे हैं और अंकिता भंडारी के माता पिता के मिलकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं. वहीं आज 27 सितंबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने भी अंकिता भंडारी के पिता से फोन पर बात (Ankita Bhandari Father) की.
अंकिता के पिता ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उनसे फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि हमें न्याय मिलेगा. बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज दिल्ली दौरे पर हैं. दिल्ली में जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि देवभूमि में ये बहुत ही जघन्य अपराध हुआ है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में इस तरह की घटनाओं का कोई स्थान नहीं हैं. जैसे ही ये मामला उनके संज्ञान में उन्होंने पुलिस को कहा और पुलिस ने सबसे पहले सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया जा चुका हैं. आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके, इसके लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए.
परिवार को मिली आर्थिक मदद: वहीं, हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने अंकिता भंडारी के परिजनों को विधायक निधि से 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी है. उमेश कुमार ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि अंकिता का सपना अपनी कमाई से दो कमरों का अपना पक्का मकान बनाने का था तो उसके सपने को पूरा करने के लिए अपनी विधायक निधि से ₹50000 की धनराशि उसके परिजनों को देने का फैसला लिया. इससे पहले खानपुर विधायक ने अंकिता के परिजनों को अपनी तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ने का ऑफर भी दिया था.
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उमेश कुमार ने कहा कि यदि उत्तराखंड के अन्य 69 विधायक भी अंकिता को ₹50000 की धनराशि अपनी विधायक निधि से देते हैं तो अंकिता का घर बनाने का सपना जरूर पूरा हो जाएगा और उसके परिजनों को भी बड़ी मदद मिलेगी.
बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. वनंतरा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ आर्य और एक अन्य कर्मचारी अंकित पर आरोप है कि वो अंकिता भंडारी से रिसॉर्ट में गलत काम करना चाहते थे, जिसके लिए अंकिता ने मना कर दिया था. वहीं आरोपियों को डर था कि अंकिता उनका राज खोल देगी. इसीलिए उन्होंने 18 सितंबर की रात को अंकिता भंडारी की हत्या कर दी है और उसकी लाश चीला नहर में फेंक दी थी.
अंकिता का शव 24 सितंबर सुबह को चिला पावर हाउस के पास बरामद किया गया था. अंकिता के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ मारपीट होने की बात भी सामने आई है. क्योंकि उसके शरीर पर चोट के कई निशान मिले है.
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