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सीएम धामी ने 824 एएनएम को सौंपे नियुक्ति पत्र, अगले महीने मिलेंगे 300 डॉक्टर - Recruitment of ANM

नवरात्रि के पहले दिन आज उत्तराखंड की 824 नवनियुक्त एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस कार्यक्रम में एएनएम की खुशी देखती ही बनती थी. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने एएनएम को महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए.

CM Pushkar Singh Dhami
एएनएम नियुक्ति समाचार
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Published : Mar 22, 2023, 1:54 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 2:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में डॉक्टरों और एएनएम की कमी को पूरा किए जाने को लेकर लगातार डॉक्टरों और एएनएम की भर्ती कर रहा है. इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवा सदन में प्रदेश के नवनियुक्त 824 एएनएम को नियुक्ति पत्र दिए जाने को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी नवनियुक्त एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा. हालांकि देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान टिहरी, देहरादून और हरिद्वार के एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. बाकी अन्य जिलों में एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा जा रहा है.

शिशु मृत्यु दर कम करने को प्लान: कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्य रूप से एएनएम यानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला का काम गर्भवती महिलाओं और शिशुओं से जुड़ा होता है. लिहाजा इन सभी एएनएम को इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव से एक हफ्ते पहले अस्पतालों में भर्ती कराए जाने की बात कही है, ताकि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके. कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एएनएम अपने क्षेत्र में पांच लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित करें. साथ ही पांच अन्य लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करें.

चारधाम यात्रा में तैनात रहेंगी एएनएम: इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने एएनएम को इस बात के लिए भी निर्देश दिए गए हैं कि हर ग्राम सभा में महीने में दो बार सीएचओ और आशा के साथ मिलकर स्वास्थ्य चौपाल लगाएंगे. इस चौपाल को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य चौपाल का नाम दिया गया है. हर 15 दिन में लगाई जा रही चौपाल में 50 लाख लोगों को शामिल करने का भी लक्ष्य रखा गया है. यही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सभी एएनएम से अनुरोध किया कि जो भी एएनएम चारधाम यात्रा में तैनात की जाएंगी, वो श्रद्धालुओं के साथ बेहतर व्यवहार करें.

पांच साल पर्वतीय जिलों में तैनात रहेंगी एएनएम: स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आज जिन 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिलाओं को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उन सभी को अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनी होंगी. लिहाजा 5 साल से पहले कोई भी तबादले के लिए सोर्स- सिफारिश ना करें. साथ ही कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने के लिए 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी नियुक्ति की जा रही है. जिसके तहत 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के साथ ही 40 से 45 असिस्टेंट प्रोफेसरों को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनात किया जाएगा.

अप्रैल में उत्तराखंड को मिलेंगे 300 डॉक्टर: कार्यक्रम के दौरान ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अप्रैल महीने के पहले वीक में समय मांगा है ताकि अप्रैल में पास होने वाले 300 एमबीबीएस डॉक्टरों को भी नियुक्ति पत्र दिया जा सके. ये सभी डॉक्टर भी अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे. क्योंकि इन सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स ने सरकार से बॉन्ड के तहत पढ़ाई की है. लिहाजा अगर ये बॉन्ड तोड़ते हैं तो इन्हें एक करोड़ रुपए हर्जाना देना होगा. स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार साल 2024 तक उत्तराखंड राज्य में एमबीबीएस डॉक्टर्स सरप्लस हो जाएंगे, हालांकि 300 सर्जन और स्पेशलिस्ट की जरूरत होगी.

महिला स्वास्थ्य पर सीएम ने जताई चिंता: वहीं, कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. राज्य सरकार मातृशक्ति को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. साथ ही कहा कि बजट में महिलाओं को आगे लाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है. सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर कहा कि आज भी महिलाओं का जीवन पर्वतीय क्षेत्रों पर काफी संघर्ष भरा है, क्योंकि यह हमेशा ही देखने को मिलता है कि महिला जंगलों में लकड़ी और घास लेने जाती है और वहीं पर महिला का प्रसव हो जाता है.
ये भी पढ़ें: Srinagar Navratri: चारधाम की रक्षक मां धारी देवी मंदिर में नवरात्रि की धूम, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

बचपन में डॉक्टर से डरते थे धामी: सीएम धामी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं काफी अलग होती हैं. लिहाजा, एएनएम को उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए. क्योंकि इससे उनको पुण्य मिलेगा. यही नहीं, सरकार ने एएनएम को नियुक्त नहीं किया है बल्कि भगवान ने सीएम और कैबिनेट को माध्यम बनाकर उन्हें नियुक्त किया है. साथ ही सीएम ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उन्हें भी बचपन में डॉक्टरों से बहुत डर लगता था. जब वो कक्षा चार में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें पागल कुत्ते ने काट लिया था. इस दौरान उन्हें पहली बार सुई लगी थी.

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में डॉक्टरों और एएनएम की कमी को पूरा किए जाने को लेकर लगातार डॉक्टरों और एएनएम की भर्ती कर रहा है. इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवा सदन में प्रदेश के नवनियुक्त 824 एएनएम को नियुक्ति पत्र दिए जाने को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी नवनियुक्त एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा. हालांकि देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान टिहरी, देहरादून और हरिद्वार के एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. बाकी अन्य जिलों में एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा जा रहा है.

शिशु मृत्यु दर कम करने को प्लान: कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्य रूप से एएनएम यानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला का काम गर्भवती महिलाओं और शिशुओं से जुड़ा होता है. लिहाजा इन सभी एएनएम को इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव से एक हफ्ते पहले अस्पतालों में भर्ती कराए जाने की बात कही है, ताकि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके. कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एएनएम अपने क्षेत्र में पांच लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित करें. साथ ही पांच अन्य लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करें.

चारधाम यात्रा में तैनात रहेंगी एएनएम: इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने एएनएम को इस बात के लिए भी निर्देश दिए गए हैं कि हर ग्राम सभा में महीने में दो बार सीएचओ और आशा के साथ मिलकर स्वास्थ्य चौपाल लगाएंगे. इस चौपाल को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य चौपाल का नाम दिया गया है. हर 15 दिन में लगाई जा रही चौपाल में 50 लाख लोगों को शामिल करने का भी लक्ष्य रखा गया है. यही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सभी एएनएम से अनुरोध किया कि जो भी एएनएम चारधाम यात्रा में तैनात की जाएंगी, वो श्रद्धालुओं के साथ बेहतर व्यवहार करें.

पांच साल पर्वतीय जिलों में तैनात रहेंगी एएनएम: स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आज जिन 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिलाओं को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उन सभी को अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनी होंगी. लिहाजा 5 साल से पहले कोई भी तबादले के लिए सोर्स- सिफारिश ना करें. साथ ही कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने के लिए 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी नियुक्ति की जा रही है. जिसके तहत 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के साथ ही 40 से 45 असिस्टेंट प्रोफेसरों को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनात किया जाएगा.

अप्रैल में उत्तराखंड को मिलेंगे 300 डॉक्टर: कार्यक्रम के दौरान ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अप्रैल महीने के पहले वीक में समय मांगा है ताकि अप्रैल में पास होने वाले 300 एमबीबीएस डॉक्टरों को भी नियुक्ति पत्र दिया जा सके. ये सभी डॉक्टर भी अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे. क्योंकि इन सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स ने सरकार से बॉन्ड के तहत पढ़ाई की है. लिहाजा अगर ये बॉन्ड तोड़ते हैं तो इन्हें एक करोड़ रुपए हर्जाना देना होगा. स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार साल 2024 तक उत्तराखंड राज्य में एमबीबीएस डॉक्टर्स सरप्लस हो जाएंगे, हालांकि 300 सर्जन और स्पेशलिस्ट की जरूरत होगी.

महिला स्वास्थ्य पर सीएम ने जताई चिंता: वहीं, कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. राज्य सरकार मातृशक्ति को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. साथ ही कहा कि बजट में महिलाओं को आगे लाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है. सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर कहा कि आज भी महिलाओं का जीवन पर्वतीय क्षेत्रों पर काफी संघर्ष भरा है, क्योंकि यह हमेशा ही देखने को मिलता है कि महिला जंगलों में लकड़ी और घास लेने जाती है और वहीं पर महिला का प्रसव हो जाता है.
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बचपन में डॉक्टर से डरते थे धामी: सीएम धामी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की समस्याएं काफी अलग होती हैं. लिहाजा, एएनएम को उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए. क्योंकि इससे उनको पुण्य मिलेगा. यही नहीं, सरकार ने एएनएम को नियुक्त नहीं किया है बल्कि भगवान ने सीएम और कैबिनेट को माध्यम बनाकर उन्हें नियुक्त किया है. साथ ही सीएम ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उन्हें भी बचपन में डॉक्टरों से बहुत डर लगता था. जब वो कक्षा चार में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें पागल कुत्ते ने काट लिया था. इस दौरान उन्हें पहली बार सुई लगी थी.

Last Updated : Mar 22, 2023, 2:03 PM IST
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