देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों और पेयजल निगम के अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए कि जिलों में ग्राम स्तर तक के पेयजल स्थिति की जानकारी लें. सीएम धामी ने प्रदेश की गंगा और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने के लिए अधिक कार्य करने की बात कही. बैठक के दौरान सीएम ने इस बात पर भी जोर दिया की गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में उत्तराखंड, मॉडल राज्य के रूप में सामने आए. इसके लिए इस दिशा में समेकित प्रयास किया जाए.
जल संचय के लिए सरकार की ये है योजना: सीएम ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश के जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए फोर्स कार योजना बनाने के साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में काम भी किया जाना चाहिए. इसे अपने वर्क कल्चर में लाना भी जरूरी है, ताकि जल संचय की दिशा में सभी लोग मिलकर प्रयास करें. जल संचय के लिए जन सहभागिता भी आवश्यक है. सीएम ने कहा कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर मीटर लगाया जाएं. साथ ही जल संरक्षण के लिए दीर्घकालीन विकास योजनाओं पर भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा प्रदेश में जल संचय और नदियों की स्वच्छता के लिए स्वच्छता समितियां बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए. क्योंकि जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम हमेशा ही देखने को मिलते रहे हैं.
गुणवत्ता वाले वाटर एटीएम लगाने के आदेश: मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनजर जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाए. ताकि चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता वाले वाटर एटीएम लगाये जाएं. इसके साथ ही वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाये, ताकि चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा सके. दरअसल, चारधाम की यात्रा आस्था का प्रतीक है. इस यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
ये भी पढ़ें: जंगल में बढ़ रही दो ताकतवर जानवरों की जंग, आपसी संघर्ष में गंवा रहे अपनी जान
गंगा की सहायक नदियों को बनाएं स्वच्छ: मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर ध्यान दिया जाए कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था रहे, जिससे यात्रियों को समस्या न हो. यही नहीं, मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत भी मार्गों पर जलापूर्ति के लिए वाटर एटीएम या नलकूप की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत राज्य में गंगा की निर्मलता और स्वच्छता बरकरार रखने के लिए किए जा रहे कार्यों में गंगा और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है.
गंदगी फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई: बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की नालियों में सीवर का पानी, कूड़ा और गंदगी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा नमामि गंगे योजना के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों के लिए प्रस्तावित योजनाओं की डीपीआर तैयार कर जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजने की बात कही है. यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी का जल जीवन मिशन एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, ऐसे में जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाए जाने की आवश्यकता बताई. सीएम धामी ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लगाये जा चुके हैं, उन घरों में शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल भी उपलब्ध हो.
जिलों को मिलेंगे अतिरिक्त वाटर टैंकर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि "हर घर नल, हर घर जल" की योजना को पूरी तरह से साकार करने के लिए अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है. साथ ही प्रदेश की तमाम जगहों पर जो पेयजल की उपलब्धता के लिए व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, उन सभी दिक्कतों का समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाना चाहिए, ताकि ग्रीष्म काल के दौरान प्रदेश के किसी भी जिले में पेयजल की कमी ना हो. इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही सभी जनपदों को अतिरिक्त वाटर टैंकर जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं. दरअसल गर्मियों के समय में प्रदेश के कई हिस्सों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसको देखते हुए सीएम धामी ने अधिकारियों को इसके समाधान के लिए बेहतर कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.