देहरादूनः उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के ओएसडी, पीआरओ और कोऑर्डिनेटर पर अब लेटर हेड प्रयोग करने की रोक लगाई गई है. इतना ही नहीं किसी भी शासकीय पत्र को अपने हस्ताक्षर से भी यह अधिकारी निर्गत नहीं कर (pushkar singh dhami banned using of letterhead) पाएंगे. शासन की तरफ से इसके मद्देनजर आदेश भी जारी कर दिया गया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट के लेटर हेड पर गाड़ियों के चालान छोड़े जाने का आदेश (Pushkar dhami PRO letter viral) बागेश्वर एसपी को दिए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. इस मामले पर विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जनसंपर्क अधिकारी को हटाने का आदेश दे दिया है.
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उधर, बड़ी बात ये है कि अब शासन ने एक और आदेश जारी किया है. जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी, जनसंपर्क अधिकारी और कोऑर्डिनेटर को लेटर हेड प्रयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं किसी भी शासकीय पत्र पर अब मुख्यमंत्री के ओएसडी, जनसंपर्क अधिकारी और कोऑर्डिनेटर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे. इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बकायदा आदेश जारी किया है.
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जानिए किस वजह से लगाई रोकः दरअसल, सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुआ, उसमें प्रेषक का नाम नंदन सिंह बिष्ट (pushkar dhami public relations officer nandan singh) लिखा गया है. मुख्यमंत्री धामी के जनसंपर्क अधिकारी के लेटरहेड पर जारी इस पत्र (pushkar dhami pro letter viral) में लिखा गया है कि 'मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि दिनांक 29.11.2021 को बागेश्वर यातायात पुलिस, बागेश्वर द्वारा किये गए वाहन संख्या यूके 02 सीए 0238, यूके 02 सीए 1238 और यूके 04 सीए 5907 के चालान को निरस्त करने का कष्ट करें.' वहीं, पत्र वायरल होने के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मचा गया. उधर, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले में अधिकारी को बर्खास्त कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.