ऋषिकेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे को लेकर प्रदेश में तैयारियां चल रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) एम्स ऋषिकेश पहुंचे. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से संबंधित व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल का जायजा लेते हुए एम्स प्रशासन और अधिकारियों से व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर को उत्तराखंड आ रहे हैं. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल पर सभी व्यवस्थाओं को समय से पहले पूरा कर लिया जाए. प्रधानमंत्री मोदी के प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवस्था भली-भांति चेक कर ली जाएं और कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में 1000 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा देशभर के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्थापित करीब 161 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी करेंगे.
पीएम मोदी का विशेष लगावः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड से देश के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांट्स का शुभारंभ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है. इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, उड़ान योजना से एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने समेत केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौगात दी है.
PM मोदी के दौरे से मिलती है ऊर्जाः मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देवभूमि आते हैं तो सभी को जनसेवा के कार्य करने की नई ऊर्जा मिलती है. प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड के विकास के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव सूचना पंकज पांडेय, आईजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी समेत जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे.
हवा से ऑक्सीजन बनाने की PSA विधि: इस तरह के प्लांट में प्रेशर स्विंग एड्जॉर्ब्शन (PSA) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. यह इस सिद्धांत पर काम करता है कि उच्च दबाव में गैस सॉलिड सरफेस की तरफ आकर्षित होते हैं और एडजॉर्ब हो जाते हैं. पीएसए प्लांट में हवा से ही ऑक्सीजन बनाने की अनूठी टेक्नोलॉजी होती है. इसमें एक चैम्बर में कुछ एडजॉर्बेंट डालकर उसमें हवा को गुजारा जाता है, जिसके बाद हवा का नाइट्रोजन एडजॉर्बेंट से चिपककर अलग हो जाता है और ऑक्सीजन बाहर निकल जाती है. इस कॉन्सेंट्रेट ऑक्सीजन की ही अस्पताल को आपूर्ति की जाती है.
इसके लिए दबाव काफी उच्च रखना होता है. एडजॉर्बेंट मैटीरियल के रूप में जियोलाइट, एक्टीवेटेड कार्बन, मॉलीक्यूलर सीव्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है. तो जब किसी चैम्बर या वेसल से हवा को उच्च दबाव से गुजारा जाता है और उसमें जियोलाइट जैसे कुछ एडजॉर्बेंट डाल दिए जाते हैं तो वे ऑक्सीजन की जगह नाइट्रोजन वेसल के बेड में चिपका रह जाता है और हवा में ऑक्सीजन बचा रहता है. इस तरह की प्रक्रिया कई बार करके ऑक्सीजन से भरी हवा को बाहर निकाल दिया जाता है.
इनसे जो ऑक्सीजन तैयार होती है, वह कारखानों में तैयार मेडिकल ऑक्सीजन की तुलना में थोड़ी कम शुद्धता वाली होती है. लेकिन इनकी ढुलाई करके लाने का समय बचता है. तत्काल तैयार ऑक्सीजन मिलती है. इसलिए अस्पतालों में किसी तरह के संकट से नहीं गुजरना पड़ता. ये पीएसए प्लांट अस्पताल परिसरों में ही तैयार होते हैं. इससे सिलेंडर की जरूरत भी नहीं रह जाती है.