चेन्नई/देहरादूनः एनसीईआरटी के पैनल ने सभी स्कूली पाठ्य पुस्तकों में इंडिया की जगह 'भारत' लिखने की सिफारिश की है. जिस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि यह हमारे लिए गर्व की बात है. क्योंकि, हम बचपन से ही 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' जैसे नारे सुनते आए हैं.
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#WATCH | Chennai: On NCERT panel's recommendation to replace 'India' with 'Bharat' in school textbooks, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "We have been hearing slogans like 'Bharat Mata Ki Jai, Vande Mataram' since childhood. It is a matter of pride for us." pic.twitter.com/58SS51C9hb
— ANI (@ANI) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 25, 2023#WATCH | Chennai: On NCERT panel's recommendation to replace 'India' with 'Bharat' in school textbooks, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "We have been hearing slogans like 'Bharat Mata Ki Jai, Vande Mataram' since childhood. It is a matter of pride for us." pic.twitter.com/58SS51C9hb
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बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 'इन्वेस्ट इन उत्तराखंड मिशन' के तहत तमिलनाडु के चेन्नई गए हैं. जहां उन्होंने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' लिखने की एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश पर बयान दिया है. सीएम धामी ने कहा कि 'हम बचपन से 'भारत माता की जय' और वंदे मातरम' जैसे नारे सुनते आ रहे हैं. यह हमारे लिए गर्व की बात है.' हालांकि, इसके अलावा सीएम धामी ज्यादा कुछ नहीं बोले, लेकिन उन्होंने अपने बयान से कहीं न कहीं सहमति जताने का संकेत दिया है.
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गौर हो कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी (NCERT) की एक उच्च स्तरीय समिति ने किताबों में 'इंडिया' का नाम बदलकर 'भारत' करने की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया है. एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए गठित प्रोफेसर 'सीआई आईजैक' की अध्यक्षता वाली समिति ने इसकी सिफारिश की थी.
इस सिफारिश की मानें तो प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल स्तर तक स्कूली पाठ्य पुस्तकों में देश का नाम इंडिया नहीं, बल्कि 'भारत' की जानी चाहिए. समिति ने ये भी सिफारिश की है कि भारतीय इतिहास में प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक के रूप में अवधि का वर्गीकरण चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देना चाहिए. इतना ही नहीं एनसीईआरटी के समिति का तर्क ये भी है कि प्राचीन शब्द की बजाए, पाठ्यपुस्तकों में शास्त्रीय या फिर क्लासिकल शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए.