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उत्तराखंड में महिलाओं और बच्चों संबंधी अपराध को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने पर जोर, CM ने दिए ये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सचिवालय में बैठक लेकर महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस संबंध में सही तथ्यों से आम जनता को अवगत कराने को कहा है. सीएम धामी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में समय पर सजा मिले, इसके लिए ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाए जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए.

CM Pushkar Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
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Published : Jul 11, 2023, 10:24 PM IST

देहरादूनः देश में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उत्तराखंड में भी यह अपराध बढ़ रहा है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम धामी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए.

CM Pushkar Dhami
महिला सुरक्षा को लेकर बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के संबंध में सही तथ्यों से जनता को अवगत कराएं. इसके साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में अपराधियों को समय पर सजा मिले, इसके लिए ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाया जाना चाहिए. जिसकी व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है.

वहीं, सीएम धामी ने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिए. इसके अलावा महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस त्वरित जांच कर तय समय के भीतर निस्तारण करने को कहा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह के मामलों की विवेचना में कोई कमी न रहने पाए.
ये भी पढ़ेंः अंकिता हत्याकांड के बाद सरकार सख्त, उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को लेकर CM ने दिए ये निर्देश

न्यायालयों में भी बेहतर ढंग से पैरवी की जाए. ताकि अपराधी किसी की सूरत में न बच सके. जिससे प्रदेश में एक ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने से पहले सोचें. जो महिलाएं शिकायत करती हैं, उनसे भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए. इसके साथ ही सभी जिलों में जिलाधिकारी स्तर पर महिला अपराधों से संबंधित मामलों की लगातार समीक्षा की जाए. विवेचना और पैरवी में कमी होने पर तत्काल उन कमियों को दूर किया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जनता की सहभागिता भी जरूरी है. लिहाजा, इस संबंध में महिलाओं और बच्चों से जुड़े सामाजिक संगठनों से भी बातचीत की जाए. सरकारी सिस्टम इतना मजबूत हो कि महिलाओं का सिस्टम के प्रति विश्वास बढ़ें. ताकि वे अपनी शिकायतों को बिना किसी संकोच के रिपोर्ट करा सकें.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में अब महिलाएं भी कर सकेंगी Night Shift, धामी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला

बता दें कि उत्तराखंड में ऑपरेशन मुक्ति के तहत साल 2017 से अब तक प्रदेश में 7,670 बच्चों का सत्यापन और 3,603 बच्चों का स्कूलों में दाखिला किया गया है. जबकि, ऑपरेशन स्माइल के तहत साल 2015 से 2021 के बीच गुमशुदा 2221 बच्चे और 604 महिलाएं बरामद की गई. गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है. जिला और राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है. सभी थानों में एक महिला उपनिरीक्षक और चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है.

देहरादूनः देश में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उत्तराखंड में भी यह अपराध बढ़ रहा है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम धामी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए.

CM Pushkar Dhami
महिला सुरक्षा को लेकर बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के संबंध में सही तथ्यों से जनता को अवगत कराएं. इसके साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में अपराधियों को समय पर सजा मिले, इसके लिए ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाया जाना चाहिए. जिसकी व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है.

वहीं, सीएम धामी ने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिए. इसके अलावा महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस त्वरित जांच कर तय समय के भीतर निस्तारण करने को कहा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह के मामलों की विवेचना में कोई कमी न रहने पाए.
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न्यायालयों में भी बेहतर ढंग से पैरवी की जाए. ताकि अपराधी किसी की सूरत में न बच सके. जिससे प्रदेश में एक ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने से पहले सोचें. जो महिलाएं शिकायत करती हैं, उनसे भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए. इसके साथ ही सभी जिलों में जिलाधिकारी स्तर पर महिला अपराधों से संबंधित मामलों की लगातार समीक्षा की जाए. विवेचना और पैरवी में कमी होने पर तत्काल उन कमियों को दूर किया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जनता की सहभागिता भी जरूरी है. लिहाजा, इस संबंध में महिलाओं और बच्चों से जुड़े सामाजिक संगठनों से भी बातचीत की जाए. सरकारी सिस्टम इतना मजबूत हो कि महिलाओं का सिस्टम के प्रति विश्वास बढ़ें. ताकि वे अपनी शिकायतों को बिना किसी संकोच के रिपोर्ट करा सकें.
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बता दें कि उत्तराखंड में ऑपरेशन मुक्ति के तहत साल 2017 से अब तक प्रदेश में 7,670 बच्चों का सत्यापन और 3,603 बच्चों का स्कूलों में दाखिला किया गया है. जबकि, ऑपरेशन स्माइल के तहत साल 2015 से 2021 के बीच गुमशुदा 2221 बच्चे और 604 महिलाएं बरामद की गई. गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है. जिला और राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है. सभी थानों में एक महिला उपनिरीक्षक और चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है.

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