देहरादून: 15 वें वित्त आयोग में उत्तराखंड को बड़ा तोहफा मिला है. केंद्र की ओर से 15वें वित्त आयोग के तहत उत्तराखंड में जिला पंचायतों के लिए 200 सौ करोड़ और क्षेत्र पंचायतों के लिए 172 करोड़ की सौगात मिली है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने केंद्र द्वारा दी गई इस सौगात पर केंद्र का आभार व्यक्त किया है. साथ ही कहा कि अब तक उत्तराखंड के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा, लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड को उसका अधिकार दिया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में उत्तराखंड के साथ बहुत ज्यादा अन्याय हुआ. 14वें वित्त आयोग में उत्तराखंड को राजस्व घाटा बिल्कुल भी नहीं दिया गया. सीएम ने 15वें वित्त आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमारी तकलीफ को समझा और जो अन्याय उत्तराखंड के साथ हुआ, उसे दुरस्त करने का प्रयास किया. सीएम ने बताया कि वित्त आयोग द्वारा 5 हजार करोड़ वार्षिक राजस्व घाटे के रुप में मिलेगा. इसके अलावा आपदा के मद में 4 सौ करोड़ से बढ़ा कर एक हजार करोड़ किया गया है. ग्रीन बोनस की डिमांड को देखते हुए वानिक क्षेत्र में शेयरिंग को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया है.
पढ़ें- सेना के जवानों को 100 जोड़ी स्नोशूज भेंट करेगी कांग्रेस, बीजेपी पर निशाना साधने से भी नहीं चूके
बता दें, पिछले चार सालों से जिला पचांयत और क्षेत्र पंचायतों में ग्राम पंचायतों की तरह केंद्र सरकार ने अनुदान नहीं मिल रहा था. 15वें वित्त आयोग में इसे जारी करने की सिफारिश की गयी थी. 15वें वित्त आयोग की संस्तुति के तहत उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों को 574 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है. आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह धनराशि साल 2020-21 के लिए है. तीनों पंचायतों में बंटवारा राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के हिसाब से होगा.