देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक ली. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा रोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रतिमाह स्टेट लेबल पर समीक्षा की जाय. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-120-8862 का शुभारम्भ किया.
सीएम ने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य के क्षेत्र में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं. इसके लिए विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों एवं सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाय. ऊन उत्पादन से पशुपालकों की आय में कैसे वृद्धि की जा सकती है ये बताया जाए.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पशुपालन और मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कई अहम निर्णय लिए हैं. इस दौरान पशुपालकों की सुविधाओं के लिए पशुपालन विभाग का टोल फ्री नंबर भी जारी किया. पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कोऑपरेटिव बनाये जाने के निर्देश भी दिए गए. महिलाओं के सर से घास की गठरी का बोझ खत्म करने के लिए भी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए.
अधिकारियों ने सीएम को दी जानकारी
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा 523 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है.
- पर्वतीय राज्यों में दुग्ध उत्पादन में उत्तराखंड का दूसरा स्थान है.
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 17.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है.
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 16 करोड़ 80 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है.
- पशुधन बीमा योजना के तहत 77 हजार से अधिक पशुओं का बीमा किया गया है.
- खुरपका एवं मुंहपका रोग को 2025 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में कार्य करने के लिए लोग रुचि दिखा रहे हैं. इसमें कम खर्चे पर अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है. इसीलिए फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई जाए.
ट्राउट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाए
मत्स्य पालन में कम लागत में अच्छी इनकम अर्जित की जा सकती है. इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय. बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 43.10 करोड़ के प्रोजेक्ट के संचालन की स्वीकृति प्राप्त हुई है. तीन करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है. राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मत्स्यिकी विकास हेतु कुल 164 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं. ट्राउट फार्मिंग हेतु चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों का चयन किया गया है. राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मत्स्य के क्षेत्र में 3200 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है.