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Namami Gange Project के तहत हरिपुर में यमुना घाट और कृष्ण धाम का सीएम धामी ने किया शिलान्यास, जानिए महत्व

Haripur Yamuna Ghat पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे नित नए नए प्रतिमान गढ़ रही है. Namami Gange Project का उद्देश्य, गंगा नदी से प्रदूषण को खत्म करना है. सहायक नदियों को पुनर्जीवित करना है. स्वच्छ जल का लाभ देशवासियों तक पहुंचाना है. इसी कड़ी में देहरादून जिले के जौनसार बावर इलाके में यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया गया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया. क्या है इस जगह का महत्व, पढ़िए इस खबर में.

Namami Gange Yojana
यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2023, 11:20 AM IST

Updated : Sep 7, 2023, 3:59 PM IST

यमुना घाट और कृष्ण धाम का शिलान्यास

विकासनगर: चकराता विधानसभा क्षेत्र के मुख्य द्वार कालसी हरिपुर में नमामि गंगे परियोजना के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया. शिलान्यास की सारी तैयारियां पहले ही पूरी की जा चुकी थी. सीएम धामी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया. उम्मीद है कि यमुना घाट और कृष्णधाम बनने के बाद यहां के धार्मिक पर्यटन को पंख लगेंगे.

  • #WATCH | Haripur, Uttarakhand | "We have begun a work today for which everyone was waiting for so long...I'm fortunate that the foundation stone of Haripur Yamuna Ghat was laid which was a dream of many," says Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami during his address at the… pic.twitter.com/kqnsfLzAdn

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास: जौनसार बावर के मुख्य द्वार में कल कल करके बहती मां यमुना की शास्त्रों में बड़ी महत्ता है. हरिद्वार में जहां गंगा मैया का शास्त्रों में पाप नाशनी कहा जाता है, वहीं यमुना मैया को जीवन दायिनी कहा जाता है. प्राचीन काल में हरिपुर का काफी महत्व बताया जाता है. इतिहासकार बताते हैं कि प्राचीन काल में हजारों तीर्थ यात्रियों का पहला पड़ाव यमुना जी के तट पर होता था. यहीं से चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्री निकलते थे. समय का काल चक्र ऐसा घूमा कि यमुना नदी में भयंकर बाढ़ आने से ये जगह बाढ़ के चपेट में आने से खंडित हो गयी.

Namami Gange Yojana
यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास

जौनसार बावर को नमामि गंगे की सौगात: आज भी जौनसार बावर से देव डोलियां स्नान के लिए यमुना नदी के हरिपुर में लाई जाती हैं. यमुना का निर्मल जल कल कल करते हुए यमनोत्री से बहकर हरिपुर पंहुचता है. यहां चार नदियों का संगम इसे और भी पवित्र बनाता है. यह नदियां यमुना नदी की सहायक नदियां हैं. अमलावा, अगलाड, तमसा और यमुना के संगम पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं का स्नान करने को तांता लगा रहता है. आज मौके पर पुलिस बल, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अमला मौजूद है. शिलान्यास की तैयारियों में सभी लोग जुटे हुए हैं.
ये भी पढ़ें: सैन्य धाम के लिए गंगाजल एकत्र करने का कार्य शुरू, जल्द रखी जाएगी आधारशिला

यमुना घाट और कृष्ण धाम का शिलान्यास

विकासनगर: चकराता विधानसभा क्षेत्र के मुख्य द्वार कालसी हरिपुर में नमामि गंगे परियोजना के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया. शिलान्यास की सारी तैयारियां पहले ही पूरी की जा चुकी थी. सीएम धामी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास किया. उम्मीद है कि यमुना घाट और कृष्णधाम बनने के बाद यहां के धार्मिक पर्यटन को पंख लगेंगे.

  • #WATCH | Haripur, Uttarakhand | "We have begun a work today for which everyone was waiting for so long...I'm fortunate that the foundation stone of Haripur Yamuna Ghat was laid which was a dream of many," says Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami during his address at the… pic.twitter.com/kqnsfLzAdn

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास: जौनसार बावर के मुख्य द्वार में कल कल करके बहती मां यमुना की शास्त्रों में बड़ी महत्ता है. हरिद्वार में जहां गंगा मैया का शास्त्रों में पाप नाशनी कहा जाता है, वहीं यमुना मैया को जीवन दायिनी कहा जाता है. प्राचीन काल में हरिपुर का काफी महत्व बताया जाता है. इतिहासकार बताते हैं कि प्राचीन काल में हजारों तीर्थ यात्रियों का पहला पड़ाव यमुना जी के तट पर होता था. यहीं से चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्री निकलते थे. समय का काल चक्र ऐसा घूमा कि यमुना नदी में भयंकर बाढ़ आने से ये जगह बाढ़ के चपेट में आने से खंडित हो गयी.

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यमुना घाट और कृष्णधाम का शिलान्यास

जौनसार बावर को नमामि गंगे की सौगात: आज भी जौनसार बावर से देव डोलियां स्नान के लिए यमुना नदी के हरिपुर में लाई जाती हैं. यमुना का निर्मल जल कल कल करते हुए यमनोत्री से बहकर हरिपुर पंहुचता है. यहां चार नदियों का संगम इसे और भी पवित्र बनाता है. यह नदियां यमुना नदी की सहायक नदियां हैं. अमलावा, अगलाड, तमसा और यमुना के संगम पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं का स्नान करने को तांता लगा रहता है. आज मौके पर पुलिस बल, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अमला मौजूद है. शिलान्यास की तैयारियों में सभी लोग जुटे हुए हैं.
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Last Updated : Sep 7, 2023, 3:59 PM IST
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