देहरादूनः चुनाव की तारीख पास आने के साथ ही पार्टियों में खुद को बेस्ट साबित करने की होड़ लग गई है. जहां कांग्रेस की ओर से अनुभवी पूर्व सीएम हरीश रावत ने पूरी तरह से मोर्चा संभाला हुआ है तो बीजेपी की कमान युवा चेहरे के तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में है. कांग्रेस ने जहां सीधे-सीधे बीजेपी काल के तीनों मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाकर 'तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा' स्लोगन लॉन्च किया तो कांग्रेस के इसी कदम का जवाब देते हुए आज वही तीन मुख्यमंत्री एक साथ एक मंच पर आए और बीजेपी का नया चुनावी स्लोगन लॉन्च किया...'परवाह उत्तराखंड की करती है भाजपा...किया है, करती है, करेगी सिर्फ भाजपा'.
आज देहरादून बीजेपी मुख्यालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक साथ पत्रकार वार्ता की. उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भी वहां मौजूद थे. पार्टी का ये कदम सीधे तौर पर एकजुटता दिखाने की कोशिश माना जा रहा है. लंबे समय बाद ऐसा पहली बार है जब पांच साल का कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री जो बदले गए हैं वो एक ही मंच पर नजर आए हैं.
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वहीं इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि उनके इस चुनावी नारे में उत्तराखंड की जनता की भावनाओं को रखा गया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मुद्दा भी उठाया गया. सीएम ने एक निजी चैनल के स्टिंग का हवाला देते हुए कहा कि, उस स्टिंग में पंजाब पुलिस के बड़े अधिकारी कैमरे पर बोलते दिखाई दिए हैं कि उन्होंने सारी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी थी. इसके बाद भी ऐसी चूक होना बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह पहले से तय था, स्टिंग ऑपरेशन में स्पष्ट सुना जा सकता है, यह सब पंजाब सरकार की मिलीभगत से हुआ है. स्टिंग से पंजाब सरकार पूरी तरह बेनकाब हुई है और इस पर कांग्रेस आलाकमान को जवाब देना चाहिए. ये सभी बातें देहरादून में चुनावी स्लोगन लॉन्च उन्होंने कही.
एक मंच पर तीन मुख्यमंत्री, बोले सिर्फ धामीः बुधवार को मौजूदा सरकार के तीनों मुख्यमंत्री एक मंच पर नजर आए. कांग्रेस पहले ही सरकार के तीन मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाते हुए तीन तिगड़ा काम बिगाड़ा नारा दिया है. सरकार चुनाव के इस बेहद संवेदनशील वक्त में दिखाना चाहती है कि तीनों मुख्यमंत्री एक साथ हैं. हालांकि, एक मंच पर बैठे तीनों मुख्यमंत्रियों में से केवल वर्तमान मुख्यमंत्री को ही बोलने का मौका दिया गया.
चेहरे अलग, लेकिन प्रदेश में हुए कामः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाई जो कि वो तकरीबन हर एक मंच से गिनाते आए हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज स्पष्ट रूप से बताया कि इस सरकार में भले ही मुख्यमंत्री के रूप में तीन अलग-अलग चेहरे रहे हों, लेकिन सरकार भाजपा की है और तीनों मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश हित में काम हुआ है.
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देवस्थानम बोर्ड और सूर्याधार झील मामले को हंस कर टालाः तीन मुख्यमंत्रियों के एक मंच पर होने का यह ऐतिहासिक समय था. लिहाजा, सवाल कुछ ऐसे भी किए गए जो कि अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के विरोधाभास फैसलों को लेकर थे. जिनमें से सबसे बड़ा फैसला देवस्थानम बोर्ड का है. देवस्थानम बोर्ड पर जब सवाल किया गया कि सीएम धामी ने बात को टालते हुए कहा कि यह परिस्थितियों के हिसाब से लिया गया फैसला है. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की ओर से सूर्यधार झील निर्माण पर की गई जांच के सवाल पर जानकारी नहीं होने की बात कही.