देहरादूनः सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड वापस लेने के बाद इस मुद्दे पर देर शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पीसी में सीएम धामी ने कहा कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने का फैसला लिया है. 4 जुलाई 2021 को पदभार ग्रहण के बाद से ही इस मामले पर विचार कर रहा था. तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारियों के हित को ध्यान में रखते हुए देवस्थानम बोर्ड पर हमने कमेटी बनाई. इस कमेटी ने 3 महीने तक काम किया और तमाम विषयों पर अध्ययन करने के बाद अंतिम रिपोर्ट सौंपी है. उस रिपोर्ट के आधार पर और प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में मैंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया है.
अब मंदिर और उसके आसपा डस रहने वाले लोगों से परामर्श करने के बाद यहां की बेहतरी को लेकर सरकार निकट भविष्य में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लिए काम करेंगे. देश काल परिस्थिति के अनुसार फैसले लिए जाते हैं और इसीलिए यह निर्णय लिया गया है.
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सीएम धामी से सीधा सवालः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने के फैसले के बाद ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री एक तरफ जहां बोर्ड को भंग करने की कोई वाजिब वजह नहीं बता पाए, तो दूसरी तरफ इस मामले में त्रिवेंद्र सिंह की नाराजगी के सवाल से भी किनारा कर गए.
मुख्यमंत्री धामी ने ETV भारत से बात करते हुए देवस्थानम बोर्ड को लेकर तमाम बिंदुओं पर अपनी बात रखी. हालांकि धामी पहले ही मौजूदा परिस्थितियों के लिहाज से इस निर्णय को वापस लेने की बात कह चुके हैं. लेकिन देवस्थानम बोर्ड में क्या कमी थी. इस पर भी कुछ वाजिब जवाब नहीं दे पाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर देवस्थानम बोर्ड को भंग किया गया है. इसमें तीर्थ पुरोहित और हकहकूक धारियों से बातचीत के बाद इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी थी.
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देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर त्रिवेंद्र सिंह की नाराजगी के सवाल पर मुख्यमंत्री इससे किनारा कर गए. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के इस फैसले से नाराज होंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत के त्रिवेंद्र पर किए गए कटाक्ष पर भी खुद को अलग किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जो किया है वह मौजूदा स्थितियों के लिहाज से फैसला लिया है.