देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एपेक्स मॉनिटरिंग अथॉरिटी ऑफ नेशनल इंडस्ट्रियल कोरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट की बैठक में प्रतिभाग किया. इस मौके पर केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ सुमन बेरी एवं विभिन्न राज्यों के उद्योग मंत्री उपस्थित थे.
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में इन्टीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग कलस्टर (आईएमसी) की स्थापना हेतु उधमसिंह नगर जनपद के खुरपिया तहसील में सरकार द्वारा 1002 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गई है. अमृतसर-कलकत्ता इंडस्ट्रियल कोरिडोर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल को जोड़ता है. उत्तराखण्ड इस कोरिडोर के प्रभाव क्षेत्र में आता है.
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उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हमारा पहले से ही इंडस्ट्रियल एरिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी संकल्पना के आधार पर इस विशाल कोरिडोर का विकास हो रहा है. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि 2003 में उन्होंने उत्तराखंड के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज दिया. यह विशेष पैकेज उत्तराखण्ड को 10 सालों तक मिला. उधमसिंह नगर में जहां आईएमसी की स्थापना होनी है, उसके आस-पास बड़ा क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र है. इस इंडस्ट्रियल एरिया को आईएमसी की स्थापना के बाद काफी लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इण्डस्ट्रियल कोरिडोर योजना हेतु तकनीकि सहायता नेशनल इंडिस्ट्रियल कोरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) द्वारा प्रदान की जा रही है. योजना हेतु डीपीआर एवं मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है. नेशनल हाईवे 125 इसके निकट से गुजरता है. इस क्षेत्र में रोड की कनेक्टिविटी अच्छी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह क्षेत्र ऑटो मोबाइल का बड़ा हब है, अन्य बहुत सी इंडस्ट्रियां यहां पर कार्य कर रही हैं.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केन्द्रीय रेल मंत्री से अनुरोध किया कि उधमसिंह नगर जनपद में जहां आईएमसी की स्थापना होनी है, उसी रास्ते में एक इंडस्ट्रियल एरिया सितारगंज में है, यदि सितारगंज से लालकुंआ, खटीमा को जोड़ने वाली लगभग 60 किमी रेल लाइन का विस्तार हो जाय तो यह सामरिक, भौगोलिक एवं औद्योगिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी.