देहरादून/मसूरी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद का मंत्र दिया. साथ ही समाज सेवा जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी.
इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि पंडित दीनदयाल का संपूर्ण जीवन समाज सेवा के लिये समर्पित रहा है. वो वास्तव में वैचारिक निष्ठा एवं व्यावहारिक कर्मशीलता के अप्रतिम उदाहरण थे. पं.दीनदयाल जी एक महान चिंतक, विचारक और दार्शनिक होने के साथ ही एक योग्य राजनेता और कुशल पथ प्रदर्शक भी थे.
तो वहीं, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी पंडित दीनदयाल उपाध्याय 105वीं जयंती पर पहाड़ों की रानी मसूरी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने लंढौर स्थित पंडित दीनदयाल पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. साथ ही उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया. इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल अमर रहे के नारे भी लगाये. पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को यूपी के मथुरा में हुआ था.
मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पूरा जीवन समाज को समर्पित किया और हमेशा देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया. उन्होंने एकात्म मानवतावाद का नारा देकर समाज को जोड़ने का प्रयास किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों में राजनीति की हर समस्या का समाधान था. गांव, समाज और राष्ट्र के विकास का दर्शन था. राष्ट्र की दशा और दिशा को बदलना है तो उनके विचारों का संरक्षण और संवर्धन करना बेहद जरूरी है. उनके एकात्म मानवतावाद दर्शन को लोगों तक पहुंचाना होगा.
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इस मौके पर महामंत्री कुशाल राणा ने कहा कि पंडित दीनदयाल ने हमेशा एकात्म मानवतावाद का नारा दिया. समाज के पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाने के साथ ही राष्ट्र भावना और भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल का कहना था कि भारत पूर्व से एक राष्ट्र रहा है, चाहे अंग्रेजों ने राज किया हो या अब आजादी के बाद भी. उन्होंने कहा कि जो इस धरती पर जन्मा वह भारतीय है उसकी सांस्कृतिक विरासत व संस्कार यही है.