देहरादून: ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व में मंत्रियों और अधिकारियों को गांव में जाकर चौपाल लगाने के निर्देश दिए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री के निर्देश में कुछ अधिकारी और मंत्रियों ने गांव में जाकर चौपाल भी लगाए और वहां की समस्याएं भी सुनीं. लेकिन यह पूरी तरह से सफल होता दिखाई नहीं दे रहा है.
गांवों में चौपाल को लेकर फिर फरमान जारी: दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात पर जोर दिया था कि गांव के विकास की कार्य योजना धरातल पर चौपाल लगाकर ग्रामीणों के सुझाव पर तैयार की जाए. सरकार की महत्वपूर्ण और कल्याणकारी पहल चौपाल को लेकर मंत्री और अधिकारियों की उदासीनता पर अब मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अधिकारियों और मंत्रियों को गांव में जाकर चौपाल लगाने के निर्देश दिए हैं. जिससे ग्रामीणों की समस्या का त्वरित समाधान हो सके और विकास की योजनाएं गांव तक कम समय में पहुंच सकें. सीएम धामी ने कहा कि उनके द्वारा पार्टी संगठन से भी इस विषय पर चर्चा की गई है, जिसमें सांसदों से भी इस पहल में भागीदारी करने के लिए कहा गया है.
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चौपाल में विकास कार्यों का खाका तैयार करने के निर्देश: कुल मिलाकर पिछले साल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात पर जोर दिया था. लेकिन वर्तमान समय तक गिने-चुने मंत्री और अधिकारी ही गांव में चौपाल लगाने गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर से मंत्रियों, अधिकारियों और सांसदों से अनुरोध किया है कि वह गांव के विकास के लिए जो खाका तैयार किया गया है उसके अनुरूप गांवों में जाकर विकास के लिए ग्रामीणों के सुझाव लें और उन सूचनाओं के आधार पर ही कार्य योजना तैयार करें. बता दें कि सरकार गांवों में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण करना चाहती है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और गांव की मूलभूत समस्याओं का निराकरण हो सके.