देहरादून: जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने युवाओं को पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण देने के लिए ‘प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर एकेडमी’ की शुरुआत की है. लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की यह सराहनीय पहल है. राज्य सरकार एकेडमी के संचालन के लिए ₹10 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.
एकेडमी खुलने से लोक संगीत, पारंपरिक ढोल दमाऊ, हुड़का, डोर आदि में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को उत्तराखंडी लोक संस्कृति को जानने व समझने का मौका मिलेगा. प्रीतम भरतवाण 'जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी' से प्रशिक्षण लेने के इच्छुक छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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ऑनलाइन करें आवेदनः प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी में प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के इच्छुक छात्र-छात्राएं निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. एकेडमी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन jaagardholsaagar@gmail.com पर आवेदन कर सकते हैं.
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बता दें उत्तराखंड के प्रत्येक जिले और गांव में लोग अपने-अपने आराध्य देवताओं के दर्शन पा सकें इसके लिए पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जागर का देवताओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में पद्मश्री से नवाजे गए प्रीतम भरतवाण उत्तराखंड के ऐसे अकेले ऐसे गायक हैं, जिनकी आवाज से देवता भी पवित्र व्यक्ति पर अवतरित हो जाते हैं. ऐसे में लोक संगीत, ढोल सागर, जागर जैसी पारंपरिक लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रीतम भरतवाण ने जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी शुरू करने की घोषणा की है.