देहरादून: भारत 21 अक्टूबर को 62वां 'पुलिस स्मृति दिवस' (Police Commemoration Day 2021) मना रहा है. इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुलिसकर्मियों को दिवाली का तोहफा देते हुए वर्ष 2001 के आरक्षी पुलिसकर्मियों ग्रेड-पे को 4600 करने की मंजूरी दी है.
दरअसल, साल 2021 में भर्ती हुए कॉन्स्टेबल को अक्टूबर आखिर में 20 साल पूरे हो रहे थे. इसीलिए उनकी ग्रेड-पे लागू की गई है. हालांकि वर्ष 2002 में भर्ती में कॉन्स्टेबल ग्रेड-पे मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा के लिए इसके एक समिति बनाई गई है, जो इसकी समीक्षा करेगी. बता दें कि 2002 भर्ती पुलिसकर्मियों का अप्रैल 2022 में 20 साल का सेवा पूरा हो रहा है.
परिजनों ने किया था प्रदर्शन: ग्रेड-पे को लेकर बीते 3 अक्टूबर को आंदोलित पुलिस कर्मियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया गया था. जिन्हें हाथीबड़कला के पास ही रोक लिया गया. ऐसे में प्रदर्शनकारी महिलाएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गई. वहीं, देर रात मुख्यमंत्री और डीजीपी की आश्वासन के बाद प्रदर्शकारी महिलाएं घर लौट गईं थीं.
ये भी पढ़ें: ग्रेड-पे मामला: पुलिसकर्मियों के समर्थन में सड़कों पर उतरी युवा कांग्रेस
क्या है ग्रेड-पे विवाद: सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे को लेकर विवाद की जड़ समय सीमा में बदलाव है. पहले आठ, 12 और 22 का प्रावधान था. लेकिन, जैसे सिपाहियों के पहले बैच को 12 साल होने को आए इसे बदल दिया गया. यही नहीं इसके बाद भी इसमें बदलाव किया गया और जब जब फिर से नंबर आया तो 2800 ग्रेड-पे दिए जाने की बात शुरू हो गई.
दरअसल, उत्तराखंड पुलिस में सिपाहियों की पहली भर्ती 2001 में हुई थी. उस वक्त पदोन्नति के लिए तय समय सीमा आठ, 12 व 22 साल थी. सिपाहियों की भर्ती के समय 2000 ग्रेड पे होता है. इसके बाद आठ साल बाद उन्हें 2400, 12 साल बाद 4600 और 22 साल की सेवा के बाद 4800 दिए जाने का प्रावधान था. अब इस बैच के सिपाहियों को वर्ष 2013 में 4600 रुपये ग्रेड पे का लाभ मिलना था. लेकिन, उससे पहले ही सरकार ने समय-सीमा में बदलाव कर दिया.
उस वक्त कहा गया कि अब यह लाभ उन्हें नई नीति 10, 16 एवं 26 वर्ष के आधार पर मिलना है. ऐसे में इन सिपाहियों को अब वर्ष 2017 में 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था. मगर, उससे पहले ही समय-सीमा को बढ़ाकर 10,20 व 30 वर्ष का स्लैब कर दिया गया. इस हिसाब से इस साल 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था. लेकिन, अब पिछले दिनों शासन ने ग्रेड पे को ही घटा दिया. ऐसे में सिपाहियों का कहना है कि जब-जब उनका नंबर आया तब नियम बदलकर उनके साथ धोखा किया गया.