देहरादून: लगातार हो रहे शहरीकरण और बढ़ रहे कंक्रीट के जंगल के बीच केंद्र सरकार ने शहरों की आबोहवा को सुंदर और स्वच्छ रखने के लिए नगर वन योजना की कल्पना की है. सिटी फॉरेस्ट योजना के तहत सभी शहरी क्षेत्रों में सिटी फॉरेस्ट पार्क की स्थापना की जाएगी, जहां पर प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से युक्त माहौल को विकसित किया जाएगा. इसी के तहत उत्तराखंड में भी इस योजना को लेकर वन विभाग और शहरी नगर निकाय मिलकर योजना पर काम कर रहे हैं. पहले चरण में देहरादून और हरिद्वार शहर में सिटी फॉरेस्ट की स्थापना की जाएगी.
प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्तराखंड के सभी शहरी क्षेत्रों में सिटी फॉरेस्ट को वन विभाग और स्थानीय नगर निकायों के कोआर्डिनेशन से डेवलप किया जाएगा. योजना के तहत विकसित होने वाले सिटी फॉरेस्ट 'लंग्स ऑफ सिटी' के रूप में काम करेंगे, जिसकी फंडिंग सेंट्रल कैंपा से की जाएगी. वहीं, सिटी फॉरेस्ट का दायरा न्यूनतम में 10 हेक्टेयर से लेकर अधिकतम 50 हेक्टेयर तक होगा. छोटे शहरों में जरूरत पड़ने पर इसे 1 हेक्टेयर से 10 हेक्टेयर तक भी किया जा सकता है.
सबके लिए खुले होंगे सिटी फॉरेस्ट: वन विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि सिटी फॉरेस्ट योजना के तहत देहरादून में आनंद वन सहित हरिद्वार में भी सिटी फॉरेस्ट की स्थापना पहले चरण में की जाएगी. प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि यह सिटी फॉरेस्ट हर किसी नागरिक के लिए खुले रहेंगे. इन सिटी फॉरेस्ट में जैव विविधताओं के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा. शहर की आबोहवा को साफ रखने के मकसद से विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह सिटी फॉरेस्ट पक्षियों और तितलियों को आकर्षित करेंगे.
कैपिटल फॉरेस्ट पर भी वन विभाग कार्यरत: प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि सिटी फॉरेस्ट परियोजना के साथ-साथ वन विभाग एक कैपिटल फॉरेस्ट योजना पर भी काम कर रहा है, जिसमें नगर निगम क्षेत्र में जितने भी वन विभाग के अंतर्गत आने वाले छोटे-छोटे फॉरेस्ट एरिया हैं. उनको संरक्षित और संवर्धित करने का काम किया जाएगा. इसके अलावा कैपिटल फॉरेस्ट में वन विभाग की तमाम गतिविधियों को भी संचालित किया जाएगा, जिसके बाद शहरों में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा.