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देहरादून में साली से रेप के दोषी जीजा को 20 साल की जेल, पिथौरागढ़ में दुष्कर्म करने वाले को 25 साल का कठोर दंड - PUNISHMENT IN RAPE CASE

देहरादून और पिथौरागढ़ की विशेष पॉक्सो अदालतों ने दो रेप केस में दोषियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

PUNISHMENT IN RAPE CASE IN UTTRAKHAND
अदालत ने दो अलग-अलग केस में रेप के दोषियों को सुनाई सजा (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 12 hours ago

Updated : 10 hours ago

देहरादून: 14 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर की अदालत ने जीजा को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. पुलिस ने दोषी को अदालत से हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया है.

लाखामंडल निवासी एक व्यक्ति ने 02 सितंबर 2023 को चकराता थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 15 जुलाई 2023 को घर के सभी लोग बाहर गए थे और उनकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी जोकि आठवीं कक्षा की छात्रा है, उसके सर दर्द होने के कारण घर पर आराम कर रही थी. दोपहर में उनकी बड़ी बेटी का पति शराब पीकर उनके घर आया. उसने साली को अकेला पाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. किसी को कुछ भी बताने पर उसे और उसकी बहन को जान से मारने की धमकी दी. डर के कारण किशोरी ने किसी को यह बात नहीं बताई. इसके कुछ दिनों बाद आरोपी ने किशोरी के साथ फिर छेड़छाड़ की और दुष्कर्म का प्रयास किया. जिस पर किशोरी ने शोर मचा दिया और अपने पिता को उसकी करतूत बताने की चेतावनी दी, लेकिन आरोपी इसके बाद भी उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा.

घबराहट में किशोरी ने नहीं बताई आपबीती: किशोरी ने करीब 2 महीने बाद अपनी मां को जीजा की करतूत के बारे में बता दिया. इसके बाद तहरीर पर चकराता पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और पीड़िता के बयान और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है और अर्थदंड अदा नहीं करने पर दोषी को एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

पिथौरागढ़ में दुष्कर्म के दोषी को 25 साल की जेल: वहीं पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में किशोरी के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 75 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है. दोषी को जुर्माना अदा ना करने की हालत में 5 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पूरे मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई है.

बताया जा रहा है कि मामला 28 नवंबर 2023 का है. जहां डीसीडब्ल्यूसी (जिला बाल कल्याण समिति) लक्ष्मी भट्ट ने गंगोलीहाट पुलिस को पत्र देकर बताया कि कार्ड संस्था में कांउसिलिंग के दौरान एक बालिका ने शारीरिक शोषण की बात बताई. जिसमें एक नाबालिक युवक व एक स्थानीय व्यक्ति का नाम सामने आया. पूरे मामले में पुलिस ने धारा-376, पॉक्सो एक्ट, धारा-5 आईपीसी सपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया. उप निरीक्षक आरती ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.

विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पिथौरागढ़ शंकर राज ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है. उन्होंने बालिका के साथ दुराचार के दोषी को धारा-376 एबी के तहत 25 साल के कठोर कारावास व 75 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर उसे 5 साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने पीड़िता की शारीरिक व मानसिक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार को सात लाख प्रतिकर दिए जाने के भी आदेश जारी किए हैं.

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ये भी पढ़ें- नाबालिग बेटियों से अश्लील हरकत करने वाले पिता को 7 साल की सजा, 40 हजार का जुर्माना भी लगा

ये भी पढ़ें- नाबालिगों के साथ रेप मामले में 67 साल के बुजुर्ग को 20 साल की सजा

देहरादून: 14 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर की अदालत ने जीजा को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. पुलिस ने दोषी को अदालत से हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया है.

लाखामंडल निवासी एक व्यक्ति ने 02 सितंबर 2023 को चकराता थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 15 जुलाई 2023 को घर के सभी लोग बाहर गए थे और उनकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी जोकि आठवीं कक्षा की छात्रा है, उसके सर दर्द होने के कारण घर पर आराम कर रही थी. दोपहर में उनकी बड़ी बेटी का पति शराब पीकर उनके घर आया. उसने साली को अकेला पाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. किसी को कुछ भी बताने पर उसे और उसकी बहन को जान से मारने की धमकी दी. डर के कारण किशोरी ने किसी को यह बात नहीं बताई. इसके कुछ दिनों बाद आरोपी ने किशोरी के साथ फिर छेड़छाड़ की और दुष्कर्म का प्रयास किया. जिस पर किशोरी ने शोर मचा दिया और अपने पिता को उसकी करतूत बताने की चेतावनी दी, लेकिन आरोपी इसके बाद भी उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा.

घबराहट में किशोरी ने नहीं बताई आपबीती: किशोरी ने करीब 2 महीने बाद अपनी मां को जीजा की करतूत के बारे में बता दिया. इसके बाद तहरीर पर चकराता पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और पीड़िता के बयान और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है और अर्थदंड अदा नहीं करने पर दोषी को एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

पिथौरागढ़ में दुष्कर्म के दोषी को 25 साल की जेल: वहीं पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में किशोरी के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 75 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है. दोषी को जुर्माना अदा ना करने की हालत में 5 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पूरे मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई है.

बताया जा रहा है कि मामला 28 नवंबर 2023 का है. जहां डीसीडब्ल्यूसी (जिला बाल कल्याण समिति) लक्ष्मी भट्ट ने गंगोलीहाट पुलिस को पत्र देकर बताया कि कार्ड संस्था में कांउसिलिंग के दौरान एक बालिका ने शारीरिक शोषण की बात बताई. जिसमें एक नाबालिक युवक व एक स्थानीय व्यक्ति का नाम सामने आया. पूरे मामले में पुलिस ने धारा-376, पॉक्सो एक्ट, धारा-5 आईपीसी सपठित धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया. उप निरीक्षक आरती ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.

विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पिथौरागढ़ शंकर राज ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है. उन्होंने बालिका के साथ दुराचार के दोषी को धारा-376 एबी के तहत 25 साल के कठोर कारावास व 75 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर उसे 5 साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने पीड़िता की शारीरिक व मानसिक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार को सात लाख प्रतिकर दिए जाने के भी आदेश जारी किए हैं.

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