मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में क्रिसमस की धूम रही. गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना के बाद प्रभु यीशु मसीह का संदेश दिया गया. साथ ही क्रिसमस के गीत गाए गए. क्रिसमस पर गिरिजाघरों को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और गुब्बारों से सजाया गया. प्रभु यीशु मसीह के जन्म से संबंधित मनमोहक झांकियों ने भी लोगों को आकर्षित किया. मसूरी में क्रिसमस पर्व को ईसाई समुदाय के साथ स्थानीय लोगों ने बड़ी धूमधाम के साथ मनाया.
मसूरी में क्रिसमस पर्व पर कैथोलिक और मेथाडिस्ट चर्च में भगवान यीशु के जन्म के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की गई. इस दौरान चर्च के फादर ने भगवान यीशु से दुआ मांगी कि आने वाला साल पूरे विश्व के लिए मंगलकारी हो. वहीं, दूसरी ओर क्रिसमस की छुट्टियां होने के कारण पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है और पर्यटक क्रिसमस की बधाई देते हुए नजर आए.
ईसाई धर्मगुरु मोहन जॉन ने बताया कि प्रभु यीशु मसीह प्रेम का संदेश लेकर और लोगों को उनके पापों से मुक्ति दिलाने के लिए आए थे. क्रिसमस का दिन प्रेम, खुशी, आनंद और आशीष का दिन है. उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से मिलजुल कर रहने का आह्वान किया. साथ ही गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की सहायता और प्रभु यीशु मसीह के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया.
सांता क्लॉज ने दिए उपहार: मसूरी के विभिन्न गिरिजाघरों में कई बच्चे सांता क्लॉज की पोशाक पहनकर पहुंचे. वहीं, आरपी चर्च के गेट पर दो सांता क्लॉज खड़े रहे, जिन्हें देखकर चर्च में आने वाले लोग उत्साह से भर गए. सांता क्लॉज ने लोगों को टॉफी, चॉकलेट, उपहार आदि बांटे.
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गरीबों और असहायों की मदद: मसूरी में मातृशक्ति ने बढ़ती ठंड को देखते हुए गरीबों को क्रिसमस का तोहफा दिया. इस मौके पर मातृशक्ति ने सैकड़ों लोगों को रजाई गद्दे वितरित किए, जिससे गरीब और असहाय लोगों को मदद मिल सके. मातृशक्ति की सदस्य ममता भाटिया ने मसूरी के सक्षम लोगों से अपील की है कि वह अपने आसपास की गरीब लोगों को ठंड से बचाए जाने के लिए गर्म कपड़े और रजाई गद्दे उपलब्ध कराएं, जिससे कि उनको ठंड से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के सभी सदस्य आपस में पैसा एकत्रित कर रजाई गद्दे की व्यवस्था करते हैं और जरूरतमंदों में बांटते हैं.