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प्रदेश के प्रत्येक जनपद में खोला जाएगा बाल केंद्र और एक पुनर्वास केंद्र

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में नशे की लत के आदी बच्चों को रेस्क्यू कर जब लाया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी होती है कि इन बच्चों को कहां रखा जाए. ऐसे में प्रदेश के खाली स्कूलों में पुनर्वास केंद्र खोले जा सकते हैं.

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बाल केंद्र
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Published : Jan 14, 2021, 1:06 PM IST

देहरादून: प्रदेश में बच्चों और युवाओं में लगातार बढ़ रहे नशे की लत को देखते हुए बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने प्रदेश के सभी जनपदों में एक बाल केंद्र और एक पुनर्वास केंद्र खोले जाने के निर्देश जारी किए हैं. बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में नशे की लत के आदी बच्चों को रेस्क्यू कर जब लाया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी होती है कि इन बच्चों को कहां रखा जाए. ऐसे में प्रदेश के खाली स्कूलों में पुनर्वास केंद्र खोले जा सकते हैं.

बता दें कि, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से निदेशालय में की कई महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश में तेजी से फल-फूल रहे नशे के कारोबार की रोकथाम के लिए आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से कई निर्देश भी दिए गए. इस दौरान बैठक में पुलिस महकमे के साथ ही शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.

बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में नशे की लत के आदी बच्चों को रेस्क्यू कर जब लाया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी होती है कि इन बच्चों को कहां रखा जाए. ऐसे में प्रदेश के खाली स्कूलों में पुनर्वास केंद्र खोले जा सकते हैं. यह पुनर्वास केंद्र प्रदेश के प्रत्येक जनपद में शुरू किए जाने चाहिए.

पढ़ें: प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया लोहड़ी का पर्व, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने दी बधाई

इसके साथ ही बाल आयोग की अध्यक्ष की ओर से आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि वह दो फीसदी से समाज कल्याण विभाग को दें, जिससे पुनर्वास केंद्रों को खोले जाने में आर्थिक मदद मिल सकें.

देहरादून: प्रदेश में बच्चों और युवाओं में लगातार बढ़ रहे नशे की लत को देखते हुए बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने प्रदेश के सभी जनपदों में एक बाल केंद्र और एक पुनर्वास केंद्र खोले जाने के निर्देश जारी किए हैं. बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में नशे की लत के आदी बच्चों को रेस्क्यू कर जब लाया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी होती है कि इन बच्चों को कहां रखा जाए. ऐसे में प्रदेश के खाली स्कूलों में पुनर्वास केंद्र खोले जा सकते हैं.

बता दें कि, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से निदेशालय में की कई महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश में तेजी से फल-फूल रहे नशे के कारोबार की रोकथाम के लिए आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से कई निर्देश भी दिए गए. इस दौरान बैठक में पुलिस महकमे के साथ ही शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.

बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में नशे की लत के आदी बच्चों को रेस्क्यू कर जब लाया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी होती है कि इन बच्चों को कहां रखा जाए. ऐसे में प्रदेश के खाली स्कूलों में पुनर्वास केंद्र खोले जा सकते हैं. यह पुनर्वास केंद्र प्रदेश के प्रत्येक जनपद में शुरू किए जाने चाहिए.

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इसके साथ ही बाल आयोग की अध्यक्ष की ओर से आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि वह दो फीसदी से समाज कल्याण विभाग को दें, जिससे पुनर्वास केंद्रों को खोले जाने में आर्थिक मदद मिल सकें.

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