देहरादून: प्रदेश में 50 साल पूरे कर चुके कर्मियों की दक्षता का आकलन करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसा कर्मियों के अनिवार्य रिटायरमेंट को लेकर सरकार के फैसले के बाद किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नाकाबिल कर्मियों को घर भेजने के बयान के बाद अब इस पर शासन स्तर से भी कवायद तेज कर दी गई है. इस कड़ी में शासन की तरफ से खुद मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने आदेश जारी करते हुए विभागों की स्क्रीनिंग बैठक सालाना अनिवार्य रूप से किए जाने के आदेश दिए हैं.
मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि कई विभाग स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक नहीं कर रहे हैं, ऐसे में निर्देश दिए जाते हैं कि नवंबर माह तक स्क्रीनिंग की बैठक को संपन्न किया जाए, ताकि मार्च तक ऐसे अधिकारी जो 50 साल पूरा कर चुके हों और उनकी कार्य दक्षता संतोषजनक न हो, उनकी सूचना शासन को भेजी जा सके.
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बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में नाकाबिल अधिकारियों को घर भेजने की बात कही थी. इसके लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का भी फैसला लिया गया था. जिसके बाद अब शासन ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर आदेश जारी कर स्क्रीन कमेटी की बैठक पर गंभीरता बरतने के निर्देश दिए हैं.