देहरादून: मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू (Chief Secretary Dr. SS Sandhu) ने बुधवार को सचिवालय में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ प्रगति पोर्टल के अन्तर्गत नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन, पीएम स्वनिधि और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की प्रगति की समीक्षा की. इस मौके पर मुख्य सचिव ने नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के अन्तर्गत टावर लगाने एवं ओएफसी आदि के लिए राइट ऑफ वे (Right of Way) आवेदनों के सम्यक निस्तारण हेतु सभी जिलाधिकारियों तेजी लाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय निकायों को अपने बायलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है तो जल्द किया जाए. इस मौके पर उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पेंडेंसी के निस्तारण के लिए उचित प्रणाली विकसित किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही प्रतिदिन समीक्षा की जाए और इसके लिए वर्कशॉप भी आयोजित किए जाए. उन्होंने कहा कि समस्याओं का अध्ययन कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए, ताकि एप्लीकेशन के रिजेक्शन को कम किया जा सके.
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मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Scheme) के अन्तर्गत राज्य के 25 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण उपलब्ध कराने के लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में हासिल करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पेपरवर्क पूरा करने हेतु में एक या दो बार कैंप लगाए जाएं. ई-केवाईसी के लिए सीएससी आदि को भी कैंप में शामिल किया जाए ताकि सभी काम एक साथ हो सकें. मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि में पर्वतीय जनपदों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि मैदानी जनपदों को तेजी लाने की आवश्यकता है. उन्होंने एसएलबीसी को बैंकों को भी इस सम्बन्ध में अवगत कराए जाने हेतु निर्देशित किया, ताकि बैंक भी एप्लीकेशंस को सरसरी तौर पर निरस्त न करें और ऋण स्वीकृति देने में तेजी लाएं.
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भी स्वीकृत आवासों के सापेक्ष पूर्ण और आवंटित की स्थिति में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिए. कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) - PMAY, लाभार्थी के नेतृत्व में व्यक्तिगत घर निर्माण (BLC) गरीब बेघर लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है. बीएलसी के अन्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा तीसरी/अंतिम किश्त प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद दी जाती है, जिस कारण कई बार लाभार्थी का आवास धन की कमी के कारण पूरा नहीं हो पता या उसमें देरी होती है. इसके लिए एक नया मैकेनिज्म तैयार किया जाए ताकि लाभार्थी को बाकी का पैसा राज्य सरकार की और से मिल जाए और प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर यह केंद्र से राज्य सरकार को रिफंड हो जाए.
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किसान क्रेडिक कार्ड के संबंध में भी ली बैठक: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने किसान क्रेडिट कार्ड के सम्बन्ध में भी अधिकारियों की बैठक ली. इस मौके पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जाने के निर्देश दिएय
मुख्य सचिव ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए जाने के निर्देश दिएय उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु मैनपावर सुनिश्चित किए जाने हेतु मैनपावर राजस्व, ग्राम विकास, कृषि, हॉर्टिकल्चर, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य एवं डेरी विकास विभाग से उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि पीएम किसान पोर्टल पर सभी किसानों की जनपद और तहसीलवार जानकारी भी उपलब्ध है.
मुख्य सचिव ने किसानों को क्रेडिट कार्ड लेने हेतु जागरूक किया जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने हेतु विभागों और बैंकों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं. फील्ड स्टाफ को ग्राम स्तर पर टारगेट दिए जाएं. उन्होंने अधिकारियों को बैंक स्तर पर किसानों की एप्लीकेशन प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि प्राईमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाईटीज और कॉपरेटिव सोसाईटीज का इसमें सक्रिय साझेदारी सुनिश्चित की जाए.
बैठक में बताया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत किसानों को 3 से 5 साल तक के लिए 3 लाख रूपए तक का लोन कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है. बताया गया कि किसान सम्मान निधि के लाभार्थी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. साथ ही इस योजना में प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन, इंस्पेशन और सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता है. इस अवसर पर सचिव वीवीआरसी पुरूषोत्तम सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे.