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मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को नए साल की बधाई, 2020 की उपलब्धियां भी गिनाईं - त्रिवेंद्र सरकार न्यूज

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2020 की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा.

Chief Minister Trivendra Singh Rawat
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Dec 31, 2020, 9:02 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों नए साल 2021 की बधाई दी. नए साल के आगमन के साथ ही उन्होंने उत्तराखंड सरकार कुछ उपलब्धियों को भी बंया किया. मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से किए गए अब तक के कामों की जानकारी दी है. बता दें कि अभी वे कोरोना संक्रमित है और उनकी इलाज दिल्ली एम्म में चल रहा है. उनकी हालत अभी सामान्य है.

पढ़ें- उत्तराखंड में शिक्षकों को मिलेगा शीतकालीन अवकाश, जारी हुआ आदेश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक के सबसे ऐतिहासिक फैसले लिए है. साल 2020 में सरकार के सामने कोविड-19 समेत कई चुनौतियां थी. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. जिनका लाभ सीधे प्रदेश की जनता को मिला.

मुख्यमंत्री ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

  • राज्य आंदोलन की मूल भावना को समझते हुए गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया. उत्तराखंडवासियों की भावनाओं की सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया.
  • गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा.
  • ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर सरकार की गंभीरत इस बात से है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई.
  • स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गयाय.
  • उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में ध्वजारोहण किया गया.
  • राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में सुविधाओं के लिए 10 सालों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की गई.
  • राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है.
  • चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा.
  • बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा. सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी. सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. हैलीपेड बनाया जा रहा है.
  • चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन करके सरकार ने साहसिक और ऐतिहासिक फैसला लिया.
  • 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया.
  • इसमें तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है.
  • बजट में देवस्थानम बोर्ड के लिए मद भी खोल दी गई है
  • केदारनाथ धाम सहित चारधाम की व्यवस्थाओं में जो सुधार किया उसका परिणाम है कि पिछले साल 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
  • ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर एक करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है.
  • इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है.
  • साल 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी देन है मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना.
  • 28 मई को प्रारम्भ की गई यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही है
  • एमएसएमई के तहत ऋण और अनुदान की व्यवस्था है. इसमें विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर ऋण की व्यवस्था है.
  • राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में आनलाइन आवेदन भी किए जा सकते हैं.
  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 से अधिक प्रकार के काम शामिल हैं.
  • मुख्यमंत्री ने जिलों में जिला योजना का 40 प्रतिशत स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है.
  • जिसमें से अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है. कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है. शेष आवेदन प्रक्रिया में हैं.
  • 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना शुरू की गई. इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी. राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं.
  • इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ीबूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है.
  • संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे.
  • किसानों के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना. इस योजना बिना ब्याज के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे ऋण की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रूपए कर दी गई. अब राज्य के किसान और काश्तकार अपनी जरूरतों के लिए तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के ले सकते हैं.
  • इसी प्रकार स्वयं सहायता समूह पांच रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ ले सकते हैं. पहले यह ऋण की सीमा कम थी. योजना प्रारम्भ होने से अभी तक 4 लाख से अधिक किसानों और 1330 समूहों को 2062 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है.
  • प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों का 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है.
  • वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है. इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है.
  • जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा के लिए 94 गांवों में 101 किलोमीटर घेरबाड़ की गयी है. इस काम को और बढ़ाया जा रहा है. कैम्पा के तहत लगभग 10 हजार वनरक्षक तैनात किए जाएंगे.
  • केवल एक रूपए में ग्रामीण घरों में पानी का कनेक्शनवर्ष 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ा जनहितकारी फैसला लिया, जो पहले 1360 रूपए था.
  • साल 2020 की शुरूआत एक बड़ी पहल के साथ हुई. आठ जनवरी को प्रदेश मंत्रीमण्डल की पहली ई-केबिनेट बैठक हुई थी. राज्य में ई-आफिस की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई. सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-आफिस शुरू किया जा चुका है. 3773 फाईलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई हैं.
  • सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-ऑफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं. देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों नए साल 2021 की बधाई दी. नए साल के आगमन के साथ ही उन्होंने उत्तराखंड सरकार कुछ उपलब्धियों को भी बंया किया. मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से किए गए अब तक के कामों की जानकारी दी है. बता दें कि अभी वे कोरोना संक्रमित है और उनकी इलाज दिल्ली एम्म में चल रहा है. उनकी हालत अभी सामान्य है.

पढ़ें- उत्तराखंड में शिक्षकों को मिलेगा शीतकालीन अवकाश, जारी हुआ आदेश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक के सबसे ऐतिहासिक फैसले लिए है. साल 2020 में सरकार के सामने कोविड-19 समेत कई चुनौतियां थी. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. जिनका लाभ सीधे प्रदेश की जनता को मिला.

मुख्यमंत्री ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

  • राज्य आंदोलन की मूल भावना को समझते हुए गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया. उत्तराखंडवासियों की भावनाओं की सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया.
  • गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा.
  • ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर सरकार की गंभीरत इस बात से है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई.
  • स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गयाय.
  • उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में ध्वजारोहण किया गया.
  • राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में सुविधाओं के लिए 10 सालों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की गई.
  • राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है.
  • चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा.
  • बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा. सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी. सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. हैलीपेड बनाया जा रहा है.
  • चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन करके सरकार ने साहसिक और ऐतिहासिक फैसला लिया.
  • 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया.
  • इसमें तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है.
  • बजट में देवस्थानम बोर्ड के लिए मद भी खोल दी गई है
  • केदारनाथ धाम सहित चारधाम की व्यवस्थाओं में जो सुधार किया उसका परिणाम है कि पिछले साल 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
  • ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर एक करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है.
  • इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है.
  • साल 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी देन है मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना.
  • 28 मई को प्रारम्भ की गई यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही है
  • एमएसएमई के तहत ऋण और अनुदान की व्यवस्था है. इसमें विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर ऋण की व्यवस्था है.
  • राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में आनलाइन आवेदन भी किए जा सकते हैं.
  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 से अधिक प्रकार के काम शामिल हैं.
  • मुख्यमंत्री ने जिलों में जिला योजना का 40 प्रतिशत स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है.
  • जिसमें से अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है. कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है. शेष आवेदन प्रक्रिया में हैं.
  • 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना शुरू की गई. इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी. राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं.
  • इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ीबूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है.
  • संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे.
  • किसानों के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना. इस योजना बिना ब्याज के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे ऋण की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रूपए कर दी गई. अब राज्य के किसान और काश्तकार अपनी जरूरतों के लिए तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के ले सकते हैं.
  • इसी प्रकार स्वयं सहायता समूह पांच रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ ले सकते हैं. पहले यह ऋण की सीमा कम थी. योजना प्रारम्भ होने से अभी तक 4 लाख से अधिक किसानों और 1330 समूहों को 2062 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है.
  • प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों का 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है.
  • वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है. इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है.
  • जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा के लिए 94 गांवों में 101 किलोमीटर घेरबाड़ की गयी है. इस काम को और बढ़ाया जा रहा है. कैम्पा के तहत लगभग 10 हजार वनरक्षक तैनात किए जाएंगे.
  • केवल एक रूपए में ग्रामीण घरों में पानी का कनेक्शनवर्ष 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ा जनहितकारी फैसला लिया, जो पहले 1360 रूपए था.
  • साल 2020 की शुरूआत एक बड़ी पहल के साथ हुई. आठ जनवरी को प्रदेश मंत्रीमण्डल की पहली ई-केबिनेट बैठक हुई थी. राज्य में ई-आफिस की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई. सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-आफिस शुरू किया जा चुका है. 3773 फाईलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई हैं.
  • सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-ऑफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं. देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू.
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