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'रिस्पना से ऋषिपर्णा' मुहिम CM त्रिवेंद्र सिंह रावत गंभीर, बताया पूरा ACTION PLAN

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Published : Mar 17, 2020, 3:59 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 8:13 AM IST

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश की सभी ऐसी जीवनदायिनी नदियों को लेकर जो कि अपना अस्तित्व खो रही है. उनके लिए एक मुहिम शुरू की गई जिसमें देहरादून की रिस्पना-बिंदाल सहित कुमाऊं में पड़ने वाली कोसी नदी को इस योजना के तहत शामिल किया गया

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सीएम से खास बातचीत

देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के 3 साल पूरे होने पर सरकार द्वारा "रिस्पना से ऋषिपर्णा" मुहिम पर ईटीवी भारत रियलिटी चेक किया. उसके बाद सत्ता विपक्ष के साथ अन्य लोगों से भी चर्चा की गई. जमीनी हकीकत और लोगों से चर्चा के बाद हमने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से तमाम सवालों पर जवाब मांगा.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने प्रदेश की सभी जीवनदायिनी नदियों को लेकर जो कि अपना अस्तित्व खो रही हैं उनके लिए एक मुहिम शुरू की गई है. इसमें देहरादून की रिस्पना-बिंदाल सहित कुमाऊं में पड़ने वाली कोसी नदी को इस योजना के तहत शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने रिस्पना नदी के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया कि सरकार रिस्पना नदी के जीर्णोद्धार के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट पर अब सरकार योजना तैयार करेगी और जिसके लिए सरकार द्वारा बजट भी निर्धारित किया गया है.

सीएम से खास बातचीत.

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि रिस्पना में एक बार फिर से भरपूर पानी लाने के लिए सौंग बांध को एक विकल्प के रूप में देखा गया है, जिसमें लगातार काम चल रहा है.

रिस्पना नदी की एक और बड़ी समस्या अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जानकारी दी कि तकरीबन 60 परिवारों को पुनर्स्थापित किया जाना है, जिस पर कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि पुनर्स्थापना के लिए जमीन का निर्धारण किया जा रहा है और जल्दी ही इस दिशा में धरातल पर प्रगति देखने को मिलेगी.

वहीं, मलिन बस्तियों के पुनर्स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा 1200 करोड़ स्वीकृत किया जा चुका है. राज्य सरकार ने भी इसके लिए बजट की व्यवस्था की है, जिसके लिए एक पूरा तंत्र बनाया जा रहा है, जिसमें 21 इंजीनियर और सहकर्मियों की नियुक्ति की जा चुकी है. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 1 साल रखा गया है. सीएम ने बताया कि चौबीस घंटे इस लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.

ये भी पढ़े: त्रिवेंद्र सरकार@3 सालः 'दून के धाकड़' के सवाल और सीएम त्रिवेंद्र के जवाब

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि जैसे ही पुर्नस्थापन का काम पूरा हो जाएगा तो रिस्पना नदी अतिक्रमण मुक्त हो जाएगी. वैसे ही अगले चरण में रिस्पना नदी मैं धरातल पर काम दिखना शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा की जो कल्पना की गई थी उसे साकार किया जाएगा. इसको लेकर अभी अध्ययन का काम पूरा हुआ है और जल्द ही इसको लेकर धरातल पर काम शुरू होगा. एक दिन रिस्पना फिर से ऋषिपर्णा की तरह नजर आएगी.

देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के 3 साल पूरे होने पर सरकार द्वारा "रिस्पना से ऋषिपर्णा" मुहिम पर ईटीवी भारत रियलिटी चेक किया. उसके बाद सत्ता विपक्ष के साथ अन्य लोगों से भी चर्चा की गई. जमीनी हकीकत और लोगों से चर्चा के बाद हमने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से तमाम सवालों पर जवाब मांगा.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने प्रदेश की सभी जीवनदायिनी नदियों को लेकर जो कि अपना अस्तित्व खो रही हैं उनके लिए एक मुहिम शुरू की गई है. इसमें देहरादून की रिस्पना-बिंदाल सहित कुमाऊं में पड़ने वाली कोसी नदी को इस योजना के तहत शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने रिस्पना नदी के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया कि सरकार रिस्पना नदी के जीर्णोद्धार के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट पर अब सरकार योजना तैयार करेगी और जिसके लिए सरकार द्वारा बजट भी निर्धारित किया गया है.

सीएम से खास बातचीत.

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि रिस्पना में एक बार फिर से भरपूर पानी लाने के लिए सौंग बांध को एक विकल्प के रूप में देखा गया है, जिसमें लगातार काम चल रहा है.

रिस्पना नदी की एक और बड़ी समस्या अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जानकारी दी कि तकरीबन 60 परिवारों को पुनर्स्थापित किया जाना है, जिस पर कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि पुनर्स्थापना के लिए जमीन का निर्धारण किया जा रहा है और जल्दी ही इस दिशा में धरातल पर प्रगति देखने को मिलेगी.

वहीं, मलिन बस्तियों के पुनर्स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा 1200 करोड़ स्वीकृत किया जा चुका है. राज्य सरकार ने भी इसके लिए बजट की व्यवस्था की है, जिसके लिए एक पूरा तंत्र बनाया जा रहा है, जिसमें 21 इंजीनियर और सहकर्मियों की नियुक्ति की जा चुकी है. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 1 साल रखा गया है. सीएम ने बताया कि चौबीस घंटे इस लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.

ये भी पढ़े: त्रिवेंद्र सरकार@3 सालः 'दून के धाकड़' के सवाल और सीएम त्रिवेंद्र के जवाब

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि जैसे ही पुर्नस्थापन का काम पूरा हो जाएगा तो रिस्पना नदी अतिक्रमण मुक्त हो जाएगी. वैसे ही अगले चरण में रिस्पना नदी मैं धरातल पर काम दिखना शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा की जो कल्पना की गई थी उसे साकार किया जाएगा. इसको लेकर अभी अध्ययन का काम पूरा हुआ है और जल्द ही इसको लेकर धरातल पर काम शुरू होगा. एक दिन रिस्पना फिर से ऋषिपर्णा की तरह नजर आएगी.

Last Updated : Mar 18, 2020, 8:13 AM IST
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