देहरादून: एक तरफ सरकार प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के दावे करती है. वहीं दूसरी तरफ विभिन्न स्कूलों में स्थिति कुछ यह है कि यहां स्कूल के प्राचार्य ही स्कूल से नदारद रहते हैं. मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती की ओर से विभिन्न सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया. जिसमें जनपद देहरादून के 3 सरकारी और 1 निजी स्कूल को अव्यवस्थाएं मिलने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है.
बता दें कि जिन सरकारी स्कूलों के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस दिया गया है यह स्कूल सहसपुर और सेलाकुई के हैं. यहां के सरकारी स्कूलों में बतौर प्राचार्य तैनात दुर्गेश नंदिनी बहुगुणा, उषा चौधरी और संजय जैन से 3 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा गया है.
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गौरतलब है कि जिस समय अचानक मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सतीश इन स्कूलों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे, उस दौरान जहां एक तरफ इन स्कूलों में प्राचार्य नदारद मिले तो वहीं दूसरी तरफ इन स्कूलों में नहीं ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था थी और न ही सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था. जिसे देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से इन स्कूलों के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.
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वहीं बात निजी स्कूल की करें तो देहरादून के ग्रेस अकेडमी के प्राचार्य को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है. दरअसल स्कूल प्रबंधन की ओर से एक छात्र को इसलिए ऑनलाइन क्लासेज से निकाल दिया गया, क्योंकि छात्र के अभिभावक स्कूल फीस देने में असमर्थ थे. जबकि शिक्षा निदेशालय की ओर से पहले ही नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है कि किसी भी छात्र को फीस न दे पाने की स्थिति में ऑनलाइन क्लासेस या फिर स्कूल से निकाला नहीं जा सकता. इस पूरे प्रकरण में स्कूल के प्राचार्य को एक हफ्ते में कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.